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नौकरी और इंटर्नशिप वाली योजना में मोदी सरकार की हैं कुछ शर्तें; इन्हें मानने पर ही मिलेगा पेमेंट

मोदी 3.0 सरकार के पहले बजट में इंटर्नशिप और नौकरी को लेकर बड़ी घोषणा की गई है. मगर इसके लिए सरकार की कुछ शर्तें भी हैं. जानें क्या करना होगा...

नौकरी और इंटर्नशिप वाली योजना में मोदी सरकार की हैं कुछ शर्तें; इन्हें मानने पर ही मिलेगा पेमेंट
नौकरियों को लेकर बजट में बड़ी घोषणा की गई है.

मोदी सरकार के इंटर्नशिप कार्यक्रम और नौकरी देने वाली योजना की घोषणा बजट 2024 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कर दी. हालांकि, इनमें एक-एक शर्तें भी हैं. इस बारे में खुद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट के बाद एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया. 

इंटर्नशिप के लिए शर्त?

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पहली बार इंटर्नशिप करने वाले को डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (बैंक के खाते) के माध्यम से 15,000 रुपये प्रति माह का वेतन देने को तैयार है, लेकिन यह कुछ हद तक सशर्त है. इस राशि का भुगतान 5,000 रुपये की तीन किश्तों में आएगी. इस योजना के तहत पहली बार आवेदन करने वाले आवेदकों को सब्सिडी की दूसरी किस्त प्राप्त करने से पहले ऑनलाइन वित्तीय साक्षरता पाठ्यक्रम पूरा करना होगा. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वित्तीय साक्षरता पाठ्यक्रम में क्या शामिल होगा?

कितने युवाओं को मिलेगा लाभ?

सरकार ने देश के युवाओं को शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप उपलब्ध कराने का वादा किया है. वित्त मंत्री ने कहा, "हमारी सरकार 1 करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी. उन्हें व्यवसाय और रोजगार के अवसरों का अनुभव मिलेगा. प्रति माह 5,000 रुपये का इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी. कंपनियों से सीएसआर फंड से प्रशिक्षण लागत और उनकी इंटर्नशिप लागत का 10% खर्च वहन करने की उम्मीद की जाएगी.

नौकरी में क्या है शर्त?

वहीं नौकरी देने वालों (नियोक्ता) के लिए भी एक शर्त है. उन्होंने कहा, "अगर पहली बार काम करने वाले किसी कर्मचारी को 12 महीने के भीतर हटा दिया जाता है तो नियोक्ता को सब्सिडी वापस करनी होगी." मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था, ''प्रति माह 1 लाख रुपये के वेतन के भीतर अगर कोई कंपनी पहली बार काम करने वाले व्यक्ति को नौकरी देती है तो उसे अतिरिक्त रोजगार गिना जाएगा." उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए प्रति माह 3,000 रुपये तक की प्रतिपूर्ति करेगी. 

कैसे होगी पहचान?

इसके अलावा, सरकार ने सभी क्षेत्रों में पहली बार काम करने वालों को एक महीने का वेतन देने का वादा किया है. कर्मचारियों की पहचान तब की जाएगी, जब कोई नियोक्ता ईपीएफओ क्रेडिट के माध्यम से पहली बार काम करने वाले को चुनेगा. वित्त मंत्री ने पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए योजना को "बहुत ही इनोवेटव" बताया.

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