
- 36 साल की उम्र में नरेंद्र मोदी को, 1987 में बीजेपी में महासचिव पद की जिम्मेदारी दी गई थी.
- उसके बाद से उन्होंने सफलता की ऐसी सीढ़ियां चढ़ीं कि बीजेपी की दशा-दिशा ही बदल दी है.
- उनके नेतृत्व में बीजेपी सबसे ज्यादा राज्यों में शासन करने वाली एक अजेय पार्टी बन चुकी है.
80 के दशक की बात है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) आंतरिक झंझावातों और कई चुनौतियों से जूझ रही थी. गुजरात में अहमदाबाद निकाय चुनाव सिर पर थे. पार्टी ने एक नौजवान को महासचिव पद की कमान सौंपी. ये नौजवान थे नरेंद्र मोदी. 36 साल के नरेंद्र मोदी ने ऐसी रणनीति बनाई कि 1987 के अहमदाबाद निकाय चुनाव में बीजेपी को अप्रत्याशित जीत हासिल हुई. 1990 में बीजेपी पहली बार गुजरात की सत्ता में आई. वो दिन है, और आज का दिन, कमल ऐसा खिला कि बीजेपी निर्विवाद रूप से, एक अजेय पार्टी के रूप में स्थापित हो चुकी है.
नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को 75 साल के होने वाले हैं. उन्होंने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उस दिन से उनके 75वें जन्मदिन तक कैलंडर में 23 साल, 11 महीने, 10 दिन (8746 दिन) बीत चुके होंगे. गुजरात के सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले नरेंद्र मोदी के पास न सरकार चलाने का प्रशासनिक अनुभव था, न ही उन्होंने कभी चुनाव लड़ा था. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने शासन-प्रशासन को इस तरह नई दिशा दी कि भारतीय राजनीति का स्वरूप ही बदल गया.

4607 दिन रहे गुजरात के सीएम
2001 से लेकर 2014 तक मोदी 12 साल 227 दिन (4607 दिन) गुजरात के मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद उन्होंने पीएम का पद संभाला. अपने 75वें जन्मदिन पर उन्हें पीएम बने 11 साल, 3 महीने, 22 दिन (4123 दिन) हो जाएंगे. इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने जीवनकाल के उस सुनहरे दौर तक का सफर तय किया है, जिसके बारे में पहले कभी किसी ने सोचा तक नहीं था.
लगातार पीएम रहने वाले दूसरे बड़े नेता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सबसे ज्यादा लगातार शासन करने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने 25 जुलाई 2025 को इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़कर यह उपलब्धि हासिल की थी. इंदिरा गांधी 4077 दिनों तक प्रधानमंत्री रही थीं. उन्होंने 24 जनवरी 1966 से लेकर 24 मार्च 1977 तक लगातार सरकार चलाई थी. 17 सितंबर को मोदी को केंद्र की सत्ता में 4123 दिन पूरे हो जाएंगे. उनसे आगे अब बस जवाहर लाल नेहरू हैं, जो 6130 दिनों तक लगातार प्रधानमंत्री रहे थे.

पीएम मोदी हैं तो मुमकिन है
2014 से लेकर अब तक तीन बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इन तीनों चुनावों में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की है.
- 2014 - बीजेपी को 282 सीटें मिलीं. 1977 के बाद, पहली बार किसी गैर-कांग्रेस दल को बहुमत मिला.
- 2019 - बीजेपी की सीटों की संख्या बढ़कर 303 हो गई. पार्टी ने लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल किया.
- 2024 - बीजेपी पूर्ण बहुमत पाने से थोड़ी पीछे रह गई, लेकिन सहयोगियों के समर्थन से सरकार में बनी हुई है.
भगवा रंग में रंग दिया देश
- पीएम मोदी के शासन में, बीजेपी ने देश के सबसे ज्यादा राज्यों में सरकार बनाने के इंदिरा गांधी के रिकॉर्ड की 2018 में ही बराबरी कर ली थी. 2018 के मार्च महीने में बीजेपी ने त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में सरकार बनाई थी. इसी के साथ एनडीए शासित राज्यों की संख्या 21 हो गई थी.
- करीब 7 महीने पहले भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के चुनावों में बंपर जीत हासिल की थी. 26 साल के बाद यह पहला मौका था, जब बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता में वापसी की.
- 2024 में नरेंद्र मोदी के रिकॉर्ड तीसरी बार पीएम बनने के बाद, बीजेपी ने 8 विधानसभा चुनावों में हिस्सा लिया. इनमें से 6 राज्यों में बीजेपी और सहयोगियों ने जीत पाई.
- संसद की मौजूदा स्थिति देखें तो दोनों सदनों में बीजेपी बहुमत में है. लोकसभा में बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए के साथ 293 सांसद हैं. वहीं राज्यसभा में 129 सांसद उसके साथ हैं.

सर्वसमाज की पार्टी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे और चर्चित नेता हैं. बीजेपी की छवि पहले ब्राह्मण-बनिया वाली पार्टी की हुआ करती थी, इसे पीएम मोदी ने तोड़ दिया है. अब बीजेपी सर्वसमाज की पार्टी मानी जाती है.
मोदी चेहरा ही काफी
कई राज्यों के चुनाव में ये साबित हो चुका है कि प्रधानमंत्री का चेहरा ही बीजेपी की जीत के लिए काफी है. राज्यों के चुनाव हों या स्थानीय चुनाव, क्षेत्रीय मसलों पर मोदी भारी पड़ते रहे हैं.
संगठन में नई संस्कृति
पीएम मोदी ने राजनीतिक संस्कृति को नई दिशा दी है. जवाबदेही और पारदर्शिता को प्रमुख पैमाना बनाया है. उन्होंने राजनीति में रिपोर्ट कार्ड संस्कृति की नींव रखी, जिसमें आकलन कद के आधार पर नहीं, परिणाम-प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है.
राष्ट्रवाद और विकास का मेल
पीएम मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रवाद और विकास का मेल बीजेपी की विचारधारा का केंद्रीय तत्व बन चुका है. यह सिर्फ भावनात्मक अपील नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण है जिसमें देश की सांस्कृतिक पहचान और आर्थिक प्रगति को एक साथ आगे बढ़ाया जा रहा है.
नेतृत्व का केंद्रीकरण
पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने बीजेपी के निर्णयों को पहले से अधिक केंद्रीकृत किया है. राज्य की इकाइयों पर अब शीर्ष नेतृत्व की पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत है.
विचारधारा प्रेरित संगठन
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास... बीजेपी का मूल मंत्र बन चुका है. बीजेपी अब संगठन को नई ऊर्जा देने के लिए क्षेत्रीय नेताओं को भी राष्ट्रीय मंच पर लाने से गुरेज नहीं करती.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं