सरकार मदरसा और मकतबों जैसी पारंपरिक संस्थाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने को प्रोत्साहित करने के लिए स्कीम टू प्रोवाइड क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा (एसपीक्यूईएम) के माध्यम से वित्तीय मदद प्रदान करती है हालांकि मदरसों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया स्वैच्छिक है।
सरकार ने यह भी बताया कि अभी यह योजना कुछ बदलाव के साथ संशोधन की प्रक्रिया में है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मानव संसाधन मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्कीम टू प्रोवाइड क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा (एसपीक्यूईएम) के तहत विभिन्न राज्यों में 14,859 मदरसा को 18.27 करोड़ रुपये जारी किए गए।
विभाग ने बताया कि केंद्र सरकार एसपीक्यूईएम योजना के माध्यम से मदरसा और मकतबों जैसी पारंपरिक संस्थाओं को उनके पाठ्यक्रम में विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, हिन्दी और अंग्रेजी पेश करने के लिए वित्तीय मदद देती है। हालांकि आधुनिकीकरण की प्रक्रिया स्वैच्छिक होती है।
गौरतलब है कि एसपीक्यूईएम योजना पूर्व के क्षेत्र विशेष एवं मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (एआईएमएमपी) का संशोधित स्वरूप है।
दिल्ली स्थित आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद ने सरकार से मदरसा में शिक्षा के आधुनिकीरण से जुड़ी पहल के बारे में जानकारी मांगी थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं