नई दिल्ली:
वरिष्ठ भाजपा नेता डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में रिपोर्ट के मसौदे को लेकर उठे विवाद के बावजूद रविवार को फिर से संसद की लोकलेखा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। लोकलेखा समिति के अध्यक्ष पद के लिए जोशी को उनकी पार्टी ने नामांकित किया, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने उन्हें फिर से इस पद पर नियुक्त किया। पीएसी विभिन्न विभागों और मंत्रालयों का वित्तीय ऑडिट करती है। पूर्व समिति का कार्यकाल शनिवार को समाप्त हो गया। जोशी की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति 1 मई से प्रभावी होगी और उनका कार्यकाल 1 साल का होगा। हाल ही में 77 वर्षीय जोशी 2जी मामले में पीएसी की रिपोर्ट के मसौदे को वितरित करने के बाद विवादों में घिर गए थे। पीएसी में शामिल संप्रग के सदस्यों ने जोशी पर आरोप लगाया था कि रिपोर्ट सरकार को बदनाम और अस्थिर करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से तैयार की गई है। संप्रग सदस्यों ने पीएसी की पूर्व समिति की 28 अप्रैल को संपन्न अंतिम बैठक में खूब हंगामा किया था। जोशी ने संप्रग सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए शनिवार को रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को भेज दी। वह चाहते हैं कि अध्यक्ष इसे संसद में पेश करें। संवाददाताओं से बातचीत में जोशी ने, रिपोर्ट खारिज करने के 21 सदस्यीय समिति के 11 सांसदों के दावे को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि ऐसी संभावना तब तक नहीं है, जब तक सदस्य रिपोर्ट को पढ़ न लें और उसके प्रत्येक पैराग्राफ पर चर्चा न हो जाए। एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि वह रिपोर्ट पर लोकसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार करेंगे कि इसे स्वीकार किया जाता है या नहीं।
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