मिजोरम छोड़ने की धमकी मिलने के बाद मैतई समुदाय के लोगों को मिलेगी सुरक्षा

मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने कहा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को मिजोरम में मैतई समुदाय के लोगों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था.

मिजोरम छोड़ने की धमकी मिलने के बाद मैतई समुदाय के लोगों को मिलेगी सुरक्षा

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं.

गुवाहाटी:

मिजोरम सरकार ने पूर्व उग्रवादियों के एक संगठन द्वारा मैतेई समुदाय के लोगों को राज्य छोड़ने के लिए मिली धमकी के बाद राजधानी आइजोल में मैतेई लोगों के लिए सुरक्षा की व्यवस्था की है. शुक्रवार को आइजोल से जारी एक बयान में पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्न्स एसोसिएशन (पीएएमआरए) ने कहा, मैतेई लोगों को अपनी खुद की सुरक्षा के लिए मिजोरम छोड़ देना चाहिए, क्योंकि पड़ोसी जातीय संघर्षग्रस्त राज्य में दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने की घटना पर मिज़ोरम के युवाओं में गुस्सा है.

पीएएमआरए ने कहा कि मणिपुर में ज़ो-जातीय समुदाय के साथ हुई हिंसा से  मिजोरम की भावनाएं बहुत आहत हुए हैं, साथ ही चेतावनी दी है कि अगर मिजोरम में मेइतेई लोगों पर कोई हिंसा होती है, तो वे स्वयं इसकी जिम्मेदारी लेंगे.

बयान में कहा गया है कि "मिजोरम में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है और मणिपुर में उपद्रवियों द्वारा किए गए बर्बर और जघन्य अपराध के मद्देनजर मणिपुर के मैतेई लोगों के लिए मिजोरम में रहना अब सुरक्षित नहीं है. पीएएमआरए मिजोरम के सभी मैतेई लोगों से अपील करता है कि वे सुरक्षा उपाय के रूप में अपने गृह राज्य चले जाएं." मिजोरम सरकार के सूत्रों ने कहा है कि किसी भी मैतेई व्यक्ति को नुकसान न पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं.

मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने बातचीत में कहा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को मिजोरम में मेइतीस की सुरक्षा का आश्वासन दिया था. सूत्रों ने कहा कि इस घटनाक्रम के बाद मणिपुर सरकार ने मिजोरम और केंद्र के साथ फिर से चर्चा की.

इसके साथ ही बयान में कहा गया है कि मिज़ोरम के युवाओं में गुस्सा है, जो मणिपुर में ज़ो या कुकी जातीय लोगों के खिलाफ "मेइती के बर्बर और नृशंस कृत्य" से बहुत दुखी हैं.उन्होंने कहा कि अपील केवल मणिपुर के मेइती लोगों के लिए है, कहीं और के लोगों के लिए नहीं. मिज़ोरम में हजारों मेइतेई लोग रहते हैं, जिनमें छात्र भी शामिल हैं, जिनमें अधिकतर मणिपुर और असम के हैं.

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

सोशल मीडिया पर बुधवार को  एक वीडियो वायरल हुआ, जिसे 4 मई को शूट किया गया था. इस वीडियो में कुछ लोग मणिपुर की दो महिलाओं को नग्न अवस्था में परेड कराते नजर आ रहे हैं और भीड़ में मौजूद लोग उनके साथ छेड़छाड़ करते दिखे हैं. इस मामले में कथित मुख्य आरोपी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. देश भर में इस घटना को लेकर गुस्सा देखा जा रहा  है और इसकी निंदा हो रही है.

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