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7 किमी. की दूरी, 9 मिनट का पहला चरण...गगनयान मिशन का पहला ट्रायल सफल

मिशन गगनयान का पहला उड़ान परीक्षण

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से गगनयान (Mission Gaganyan First Trial) के क्रू मॉड्यूल एस्केप सिस्टम का लाइव परीक्षण किया गया. यह उन 20 बड़े परीक्षणों में से पहला परीक्षण है, जिनको आने वाले समय में इसरो ने करने की योजना बनाई है.

  1. मिशन गगनयान के पहले चरण का उड़ान परीक्षण आज सफलतापूर्वक हो गया है. दूसरी बार में इसका लॉन्च पूरा हो सका. इसको सुबह 8:45 बजे प्रक्षेपण से कुछ समय पहले रोक दिया गया. तकनीकी खामी की वजह से परीक्षण उस समय नहीं हो सका था. उड़ान के लिए काउंटडाउन लगभग पूरा होने को था लेकिन पांच सेकेंड पहले ही इसे होल्ड कर दिया गया था. 

  2. चंद्रयान-3 के लिए भी गननयान मिशन की उड़ान जैसा ही दृष्टिकोण अपनाया गया था, जिसके बाद भारत को अगस्त में चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड कराने वाला पहला देश बनाकर इसरो ने इतिहास रच दिया था. हालांकि, इस बार इसरो ने बड़ा दांव लगाया है. क्योंकि मिशन गगनयान में मनुष्यों का जीवन शामिल होगा. 

  3. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से शनिवार सुबह 10 बजे गगनयान के क्रू मॉड्यूल एस्केप सिस्टम का लाइव परीक्षण हुआ. यह उन 20 बड़े परीक्षणों में से पहला परीक्षण था, जिनको आने वाले समय में इसरो ने पूरा करने की योजना बनाई है.

  4. मिशन गगनयान पीएम मोदी के उस लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश है, जिसमें 2035 तक इसरो एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री को लॉन्च करेगा. 

  5. इसरो ने कहा था कि अंतरिक्ष यात्री सवार ‘क्रू मॉड्यूल'और चालक बचाव प्रणाली से लैस एकल-चरण तरल प्रणोदन रॉकेट को शनिवार सुबह आठ बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण तल से रवाना किया जाएगा. बाद में इसका समय बदल भी दिया गया था. अब इसका सफल प्रक्षेपण हो चुका है.इस मिशन का मकसद गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और चालक बचाव प्रणाली के सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना है. 

  6. गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है. इसरो ने आज अपने परीक्षण यान - प्रदर्शन (टीवी-डी1), एकल चरण तरल प्रणोदन रॉकेट का प्रक्षेपण किया.

  7. इस क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण यान मिशन समग्र गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि परीक्षण के लिए लगभग पूरी प्रणाली एकीकृत की गई है. इसरो ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी थी कि, '21 अक्टूबर को सुबह आठ बजे टीवी-डी1- परीक्षण उड़ान को प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुक्रवार शाम सात बजे शुरू हो गई.'

  8. इसरो ने बताया कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशनों के लिए आधार तैयार करेगी, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा.‘क्रू मॉड्यूल' रॉकेट में पेलोड है, और यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ रहने योग्य जगह है. इसमें एक दबावयुक्त धात्विक 'आंतरिक संरचना' और 'थर्मल सुरक्षा प्रणालियों' के साथ एक बिना दबाव वाली 'बाहरी संरचना' शामिल है.

  9.  पहली परीक्षण उड़ान के दौरान ‘क्रू मॉड्यूल' में लगी विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए डेटा प्राप्त किया जाएगा, जिससे वैज्ञानिकों को यान के प्रदर्शन की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

  10.  ‘टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन' (टीवी-डी1) क्रू एस्केप सिस्टम (चालक बचाव प्रणाली) और क्रू मॉड्यूल को 17 किमी की ऊंचाई पर प्रक्षेपित किया गया, उसने श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग की.


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