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अयोध्या की मिल्कीपुर में चुनावी पारा चरम पर, जानें क्या हैं राजनीतिक-सामाजिक समीकरण

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव सपा और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. इन दोनों दलों के वरिष्ठ नेता इस सीट को जीतने के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं. मिल्कीपुर में मतदान पांच फरवरी को कराया जाएगा. मतगणना आठ फरवरी को कराई जाएगी.

अयोध्या की मिल्कीपुर में चुनावी पारा चरम पर, जानें क्या हैं राजनीतिक-सामाजिक समीकरण
नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार आज खत्म हो जाएगा. इसके साथ ही उन सीटों पर भी चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा,जहां उपचुनाव कराए जा रहे हैं. इन सीटों में उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट भी शामिल है. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव मिल्कीपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मिल्कीपुर में जनसभा को संबोधित किया था. इस बीच रविवार को अयोध्या में मिली एक दलित युवती की लाश ने मामले ने चुनाव प्रचार को गरमा दिया है.  

दलित युवती की हत्या से गरमाई सियासत

दलित युवती का शव मिलने के बाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद मीडिया के सामने आए. उन्होंने रोते हुए कहा कि वो इस मामले को संसद में उठाएंगे. अगर युवती को न्याय नहीं मिला तो वो इस्तीफा दे देंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मिल्कीपुर में एक जनसभा को संबोधित किया.उन्होंने कहा कि बेटी की हत्या में सपा का ही दरिंदा शामिल होगा.उन्होंने कहा कि सपा सांसद इस घटना पर नौटंकी कर रहे हैं. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा को गाजी-पाजी (बदमाश) प्यारे हैं. इनको मिल्कीपुर का मोईद खान और कन्नौज का नवाब यादव प्यारा है, जो एक बेटी पर सीधे-सीधे हाथ डालता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अबतक छह से अधिक बार मिल्कीपुर का दौरान कर चुके हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अबतक छह से अधिक बार मिल्कीपुर का दौरान कर चुके हैं.

पुलिस ने दिखाई सक्रियता

लड़की का शव मिलने की घटना ने मिल्कीपुर की जनता को झंकझोर कर रख दिया है. यह घटना चुनाव से तीन दिन पहले ही सामने आई है. यह घटना प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रही है. लड़की के परिजनों में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लेकिन पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखाई. इस मामले में सपा नेता आरोप लगा रहे हैं कि लड़की की आंखें निकाल ली गई थीं. लेकिन पुलिस ने इससे इनकार किया है. इस मामले पर राजनीति बढ़ती देख पुलिस ने सक्रियता दिखाई. पुलिस ने इस हत्याकांड में हरिराम कोरी, विजय साहू और दिग्विजय सिंह नाम के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इस तरह पुलिस ने इस मामले में हो रही राजनीति का पटाक्षेप कर दिया है. अगर पुलिस इस मामले में नाकाम रहती तो इसका असर चुनाव पर पड़ना तय था.  

पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

मिल्कीपुर उपचुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. इस चुनाव में सपा ने अपने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद, बीजेपी ने चंद्रभानु पासवान को उम्मीदवार बनाया है. वहीं दलित समाज के जरिए उत्तर प्रदेश की राजनीति में पैर जमाने की कोशिश कर रहे नगीना के चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी मिल्कीपुर में प्रत्याशी उतारा है. आजाद की पार्टी ने सूरज चौधरी उर्फ संतोष कुमार को मैदान में उतारा है. संतोष पहले अवधेश प्रसाद के करीबी हुआ करते थे. इस लड़ाई में दिलचस्प बात यह है कि ये तीनों उम्मीदवार पासी जाती के हैं. इसलिए मिल्कीपुर के सबसे बड़े वोट बैंक में बंटवारा तय है. इस चुनाव में कांग्रेस के बागी भोलानाथ भारती लड़ाई को चतुष्कोणीय बनाने की कोशिश में हैं. यहां यह उल्लेखनीय है कि भोलानाथ भारती जिला पंचायत चुनाव में सपा उम्मीदवार अजित प्रसाद को हरा चुके हैं. 

मिल्कीपुर में किस जाति के कितने वोट

मिल्कीपुर में दलित और ब्राह्मण निर्णायक भूमिका में हैं. मुसलमान भी अच्छी संख्या में हैं. दलितों में सबसे बड़ी आबादी पासी जाति की है. लेकिन तीन उम्मीदवारों के पासी होने से इस वोट बैंक में बंटवारा तय है. इस क्षेत्र में 60 हजार से अधिक ब्राह्मण वोट हैं. ब्राह्मणों को लुभाने में दोनों ही प्रमुख पार्टियां लगी हुई हैं. दोनों दलों के ब्राह्मण नेता अपने-अपने दल के लिए चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. वहीं अगर ओबीसी वोटरों की बात करें तो यादवों की आबादी 60 हजार से ज्यादा है. इसी तरह से मुसलमान वोट भी 30 हजार से अधिक हैं. इन दोनों वर्गों को सपा का वोट बैंक माना जाता है. इसके अलावा ओबीसी की दूसरी जातियों की आबादी भी करीब 40 हजार है. ये ओबीसी बीजेपी और सपा में बंटे हुए हैं. 

सपा और बीजेपी ने मिल्कीपुर की लड़ाई को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है.

सपा और बीजेपी ने मिल्कीपुर की लड़ाई को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है.

मिल्कीपुर में क्यों हो रहा है चुनाव

मिल्कीपुर में पांच फरवरी को मतदान कराया जाएगा. मतों की गिनती आठ फरवरी को होगी.साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की थी. सपा ने उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट से  उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार लल्लू सिंह को हराया था. सासंद चुने जाने के बाद अवधेश प्रसाद ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. इस वजह से यह उपचुनाव कराया जा रहा है.

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