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भगौड़ों के बुरे दिन आए! भारत वापसी पर खौफ में चोकसी, चलेगा तहव्वुर वाली चाल

बेल्जियम में मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद उसकी लीगल टीम भी ऐक्टिव हो गई है. उसके वकील विजय अग्रवाल ने पुष्टि की कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया गया है और वह इस वक्त कस्टडी में है.

नई दिल्ली:

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये के ऋण ‘‘धोखाधड़ी'' मामले में संलिप्तता के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि कुछ समय पहले ही उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस को ‘‘हटा दिया गया'' था और तभी से भारतीय एजेंसियां उसे प्रत्यर्पण के माध्यम से भारत लाने के प्रयास में लगी हैं. इधर भारत वापसी की खौफ में चोकसी भी अपने आप को बचाने के लिए तहव्वुर राणा वाली चाल चलने की तैयारी में है. मेहुल चोकसी की कानूनी टीम खराब स्वास्थ्य के आधार पर उसकी रिहाई के लिए अपील दायर करने की तैयारी में है. 

बेल्जियम में मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद उसकी लीगल टीम भी ऐक्टिव हो गई है. उसके वकील विजय अग्रवाल ने पुष्टि की कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया गया है और वह इस वक्त कस्टडी में है. अग्रवाल के मुताबिक चोकसी की गिरफ्तारी को चैलेंज किया जाएगा. उन्हें जेल न भेजे जाने की अपील की जाएगी.  इसका आधार उनकी खराब सेहत और कैंसर का चल रहा इलाज है.

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कितना कठिन है चोकसी को वापस लाना? 
इस मुद्दे पर एनडीटीवी से बात करते हुए पूर्व राजनायिक दीपक वोहरा ने कहा कि हमारी बेल्जियम के साथ प्रत्यर्पण संधि है. यह संधि 1901 में हुई थी जब भारत अंग्रेज शासन के अंदर थे. इस संधि के तहत ऐसे लोगों का प्रत्यर्पण हो सकता है जिन्होंने जानते हुए अपराध किया है. मेहुल चोकसी का कहना है कि वो बेल्जियम में इलाज करवाने के लिए पहुंचा है.  उसे पता नहीं है कि बेल्जियम से लोग इलाज करवाने भारत आते हैं. दीपक वोहरा ने दावा करते हुए कहा कि इस साल के अंत तक यह वापस भारत आ जाएगा. बेल्जियम के लिए यह कुछ भी नहीं है. अब भारत की ताकत काफी बढ़ गई है. अब ये अगर पाताल में भी छिपा  है तो इसे लेकर आया जाएगा. बेल्जियम अगर भारत के साथ रिश्तों में सुधार करना चाहेगा तो वो कभी भी इसका बचाव नहीं करेगा. 

यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि अब इसके सभी रास्ते बंद हो चुके हैं. जमीन में छिप जाए या आसमान में इसे खोजकर लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि 13500 करोड़ रुपये की लूट कोई सामान्य घटना नहीं है. विक्रम सिंह ने कहा कि एक-एक कर सभी भागे हुए लोगों को वापस भारत लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि एक-एक पैसे का हिसाब इससे लिया जाएगा. 

‘ओपन-एंडेड' गिरफ्तारी वारंट भारतीय एजेंसी ने बेल्जियम के सामने रखा
सूत्रों के अनुसार प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत भारतीय एजेंसियों ने 2018 और 2021 में मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा जारी कम से कम दो ‘ओपन-एंडेड' गिरफ्तारी वारंट अपने बेल्जियम समकक्षों के साथ साझा किए हैं.‘ओपन-एंडेड' गिरफ्तारी वारंट का मतलब ऐसे वारंट से है जो किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए जारी किया जाता है और उसकी कोई समयसीमा नहीं होती. यह वारंट तब तक वैध रहता है जब तक कि इसे अदालत द्वारा रद्द न कर दिया जाए या आरोपी को गिरफ्तार न कर लिया जाए.

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क्या है पूरा मामला? 
चोकसी, उसके भांजे एवं भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी तथा उनके परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों, बैंक अधिकारियों एवं अन्य लोगों पर 2018 में मुंबई में पीएनबी की ‘ब्रैडी हाउस' शाखा में ऋण धोखाधड़ी के आरोप में दोनों एजेंसियों द्वारा मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि चोकसी, उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स और अन्य ने ‘‘कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करके वचनपत्र (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी करवाए और बिना निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए विदेशी साख पत्रों (फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट) की सीमा को बढ़ाया तथा बैंक के साथ धोखाधड़ी की.''

सीबीआई ने इस मामले में चोकसी के खिलाफ कम से कम दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जबकि ईडी ने इस तरह की तीन अभियोजन शिकायतें दर्ज की हैं. इस मामले में ईडी और सीबीआई के कानूनी अनुरोध के आधार पर 2019 में प्राधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद से भगोड़ा आर्थिक अपराधी नीरव लंदन की जेल में बंद है. वह भारत में प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा है.

यहां जानिए कैसे हुआ था घोटाला? 
जांच एजेंसियों के अनुसार, मुंबई में पीएनबी की ‘ब्रैडी हाउस' शाखा के अधिकारियों ने मार्च-अप्रैल 2017 के दौरान 165 वचनपत्र और 58 विदेशी साख पत्र जारी किए, जिसके बदले 311 बिलों को भुनाया गया. ये वचनपत्र और विदेशी साख पत्र कथित तौर पर चोकसी की कंपनी को बिना किसी स्वीकृत सीमा और पीएनबी की केंद्रीय बैंकिंग प्रणाली में दर्ज किए बिना जारी किए गए थे ताकि रुपये न चुकाने की स्थिति में किसी भी जांच से बचा जा सके. वचनपत्र एक बैंक द्वारा अपने ग्राहक की ओर से किसी विदेशी बैंक को दी गई गारंटी है. यदि ग्राहक विदेशी बैंक को पैसे नहीं चुकाता है, तो इसकी जिम्मेदारी ‘गारंटर' बैंक की होती है.

पीएनबी के इन वचनपत्रों के आधार पर, मॉरीशस स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), हांगकांग स्थित इलाहाबाद बैंक तथा एक्सिस बैंक, एंटवर्प स्थित बैंक ऑफ इंडिया, मनामा स्थित केनरा बैंक और फ्रैंकफर्ट स्थित भारतीय स्टेट बैंक से कर्ज लिया गया.

पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई के पूरक आरोपपत्र में आरोप लगाया गया, ‘‘चूंकि आरोपी कंपनियों ने धोखाधड़ी करके हासिल किए गए वचनपत्रों और विदेशी साख पत्रों पर प्राप्त राशि का भुगतान नहीं किया, ऐसे में पीएनबी को बकाया ब्याज सहित 6,344.97 करोड़ रुपये का भुगतान विदेशी बैंकों को करना पड़ा. इन विदेशी बैंकों ने पीएनबी द्वारा जारी किए गए वचनपत्रों और विदेशी साख पत्रों के एवज में क्रेता को ऋण पहले ही दे दिया और बिल को भुनाया था.'' ईडी ने चोकसी के खिलाफ मामले में 2,565.90 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क या जब्त की है.

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