श्रीनगर:
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने राजनीति की नई बिसात बिछा दी है. उन्होंने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस समेत सभी पक्षों को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करने के लिए न्योता दे दिया है. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि जो चिट्ठी महबूबा ने लिखी है वो पीडीपी के प्रेसिडेंट के नाते लिखी है, ना की जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री के तौर पर.
अपनी चिट्ठी में महबूबा ने कहा कि घाटी की समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक और विश्वसनीय राजनीतिक बातचीत में हुर्रियत समेत समाज के सभी वर्गों को शामिल किया जाना चाहिए. राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार चला रहीं महबूबा ने ये भी कहा कि देश की लीडरशिप को बिना देरी किए हुर्रियत समेत सभी वर्गों से बातचीत करनी चाहिए ताकि सार्थक संवाद हो सके और जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित की जा सके.
वैसे बीजेपी कश्मीर मुद्दे पर हुर्रियत से बातचीत करने का विरोध कर रही है. ऐसे में दोनों गठबंधन सहयोगियों की अलग-अलग राय से मतभेद पैदा हो गए हैं. माना जा रहा है कि अपनी इस अपील के ज़रिए महबूबा अपना वोट बैंक कन्सॉलिडेट कर रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'बीजेपी ने अपना स्टैंड साफ़ कर दिया है लेकिन अब महबूबा ने पलटवार किया है.'
जानकारों का ये भी कहना है की महबूबा ने अपना रुख कड़ा कर लिया है. महबूबा ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, 'आप लोगों को जो समय ठीक लगे वो बता दें ताकि जो लोग दिल्ली से आ रहे हैं वो आपसे मिल सकें.'
महबूबा मुफ्ती ने ये भी कहा, ''संवाद इस तरह किया जाए जिससे मसले का समाधान हो और जम्मू कश्मीर में अमन एक हकीकत बन सके.'' भारत प्रशासित कश्मीर में इस साल जुलाई में हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की सुरक्षाबलों के हाथ मौत के बाद हिंसा ख़त्म ही नहीं हो रही है.
अपनी चिट्ठी में महबूबा ने कहा कि घाटी की समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक और विश्वसनीय राजनीतिक बातचीत में हुर्रियत समेत समाज के सभी वर्गों को शामिल किया जाना चाहिए. राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार चला रहीं महबूबा ने ये भी कहा कि देश की लीडरशिप को बिना देरी किए हुर्रियत समेत सभी वर्गों से बातचीत करनी चाहिए ताकि सार्थक संवाद हो सके और जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित की जा सके.
वैसे बीजेपी कश्मीर मुद्दे पर हुर्रियत से बातचीत करने का विरोध कर रही है. ऐसे में दोनों गठबंधन सहयोगियों की अलग-अलग राय से मतभेद पैदा हो गए हैं. माना जा रहा है कि अपनी इस अपील के ज़रिए महबूबा अपना वोट बैंक कन्सॉलिडेट कर रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'बीजेपी ने अपना स्टैंड साफ़ कर दिया है लेकिन अब महबूबा ने पलटवार किया है.'
जानकारों का ये भी कहना है की महबूबा ने अपना रुख कड़ा कर लिया है. महबूबा ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, 'आप लोगों को जो समय ठीक लगे वो बता दें ताकि जो लोग दिल्ली से आ रहे हैं वो आपसे मिल सकें.'
महबूबा मुफ्ती ने ये भी कहा, ''संवाद इस तरह किया जाए जिससे मसले का समाधान हो और जम्मू कश्मीर में अमन एक हकीकत बन सके.'' भारत प्रशासित कश्मीर में इस साल जुलाई में हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की सुरक्षाबलों के हाथ मौत के बाद हिंसा ख़त्म ही नहीं हो रही है.
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