बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में घर वापसी कर रहे लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की समस्या का समाधान करना केंद्र और राज्य सरकारों का पहला कर्तव्य है. मायावती ने ट्वीट किया, 'खासकर यूपी व बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केन्द्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है.'
उन्होंने कहा कि इन्हें इनके घर के आसपास स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है. मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि केन्द्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रूपए का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है, उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा वास्तव में अब यहां होनी है.
उन्होंने कहा कि आम जनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए. उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि देश में पिछले 66 दिन से लॉकडाउन होने के कारण हर प्रकार की उपेक्षा एवं तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अंततः न्यायालय को कहना पड़ा कि रेल और बस से उन्हें मुफ्त घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है. बसपा की इस मांग की सरकार अनदेखी करती रही है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं