हिंदू देवी-देवताओं को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से दिए गए विवादास्पद बयान का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बसपा प्रमुख मायावती ने एक तरफ जहां मौर्य के बयान से पल्ला झाड़ लिया है, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मौर्य के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बसपा में हिंदू देवी-देवताओं पर बयान कोई बसपा का नेता अपने मन से कैसे दे सकता है?
भाजपा नेता कहा कि पूजा-पाठ आदि के संबंध में बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की कही बातें उनकी अपनी खुद की निजी राय व प्रतिक्रिया बताने में जुटी बसपा प्रमुख मायावती उन पर कार्रवाई क्यों नहीं करती।
उन्होंने कहा कि हार की हाताशा से जूझ रही बसपा अब सामाजिक व्यवस्थाओं पर कुठाराघात करने में जुटी है। राज्य में हुए उपचुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों को वोट देने की अपील बेअसर साबित हुई है। बसपा नेता के बयान से सामाजिक भवनाएं आहत हुई हैं।
इससे पूर्व, मायावती ने एक बयान जारी कर साफतौर पर कहा कि पार्टी को किसी धर्म विशेष पर ओछी टिप्पणी करने वालों से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मौर्य के बयान से पार्टी का कोई वास्ता नहीं, यह उनकी निजी राय है।
बसपा प्रमुख ने कहा, 'पार्टी बाबा भीमराव अम्बेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांत के आधार पर और उसकी सही मंशा के अनुसार सभी धर्मो का सम्मान करती है। यहां अपने देश में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले सर्वसमाज के लोगों के रहन-सहन, शादी-विवाह, पूजा-पाठ व उनकी संस्कृति आदि के तौर-तरीकों का भी आदर-सम्मान करते हुए उनमें दखल देने के खिलाफ है।'
गौरतलब है कि मौर्य ने रविवार को कहा था कि शादियों में गौरी-गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए। यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उनको शासक से गुलाम बनाने की साजिश है।
बसपा नेता ने यह भी कहा कि हिंदू धर्म में सुअर को वराह भगवान कहकर सम्मान दे सकते हैं। गधे को भवानी, चूहे को गणेश और उल्लू को लक्ष्मी की सवारी कहकर पूजा की जाती है, लेकिन शूद्र को सम्मान नहीं दिया जाता। इस विवादित बयान को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है।
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