लोकसभा चुनाव को लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज कांग्रेस के खिलाफ बिगुल फूंका है. बीजेपी पर जमकर निशाना साध रही हैं मायावती ने पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर बयान दिया है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी से पूछा है कि उनका 'न्यूनतम आय गारंटी' का ऐलान कहीं 'गरीबी हटाओ' नारे की तरह नकली तो नहीं है. गौरतलब है कि गरीबी हटाओ का नारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था जिसके दम पर वह चुनाव जीत प्रधानमंत्री बनी थीं. हालांकि उन्होंने साथ में मोदी सरकार के कालेधन की वापसी, 15 लाख रुपये देने और अच्छे दिन से भी जोड़ा. मायावती ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी ने साबित किया है कि दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. दरअसल छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए ऐलान किया था कि केंद्र में सत्ता आने पर वह गरीबों को 'न्यूनतम आय की गारंटी' देने वाली योजना को लागू करेंगे. अटल नगर में किसान आभार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, 'हमने निर्णय ले लिया है कि हिंदुस्तान के हर गरीब व्यक्ति को 2019 के बाद कांग्रेस पार्टी वाली सरकार न्यूनतम आमदनी देगी.' उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के हर गरीब व्यक्ति के बैंक एकाउंट में हिंदुस्तान की सरकार न्यूनतम आमदनी देने जा रही है. इसका मतलब है कि हिंदुस्तान में कोई भूखा नहीं रहेगा और न कोई गरीब रहेगा. गांधी ने कहा कि हम दो हिंदुस्तान नहीं चाहते हैं. एक हिंदुस्तान होगा और उस हिंदुस्तान में हर गरीब व्यक्ति को न्यूनतम आमदनी देने का काम कांग्रेस पार्टी की सरकार करेगी. यह काम आज तक दुनिया की किसी भी सरकार ने नहीं किया है. यह काम दुनिया में सबसे पहले हिंदुस्तान की 2019 के बाद कांग्रेस वाली सरकार करने जा रही है.
BSP Chief Mayawati on Rahul Gandhi's announcement on #MinimumIncomeGuarentee: Is this promise also a fake one like 'Gareebi hatao' & current government's promises on black money, 15 lakh & achhe din? Both Congress & BJP have failed, & proved to be two sides of the same coin. pic.twitter.com/396HOuosrW
— ANI (@ANI) January 29, 2019
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सपा और बीएसपी के गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी गई है. इसके बाद कांग्रेस ने भी राज्य की 80 सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान किया है. इसके लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी को दी गई है. कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि प्रियंका के आने से पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी. वहीं प्रियंका के राजनीति में आने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी स्वागत किया है. अखिलेश यादव, राहुल गांधी पर सीधे हमला करने से परहेज करते रहे हैं. उत्तर प्रदेश में दोनों ही नेता साथ मिलकर चुनाव भी लड़ चुके हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए बात नहीं बन पाई है.
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लेकिन ऐसा लग रहा है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती राहुल गांधी को बख्शने के मूड में नही हैं. इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि इंदिरा गांधी के समय कांग्रेस का कोर वोटबैंक एससी/एसटी और सवर्णों में ब्राह्मण ही हुआ करते थे. मौजूदा राजनीति में मायवती का भी वोटबैंक एससी/एसटी हैं और ब्राह्मण को भी वह लुभा चुकी हैं. कुल मिलाकर आज के बयान के बाद तय है कि मायावती ने राहुल गांधी को एक तरह से चेता दिया है.
इनपुट : भाषा
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