सामाजिक सदभाव के लिए मथुरा (Mathura) के मंदिरों में दर्शन कर रहे फ़ैसल ख़ान (Faisal Khan) को एक मंदिर के कम्पाउंड में नमाज़ पढ़ने के लिए सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने के इल्ज़ाम में जेल भेज दिया गया. मुरारी बापू फ़ैसल को अपने आश्रम में बुलाकर सांप्रदायिक सद्भाव का पुरस्कार दे चुके हैं. जिस पुजारी ने फ़ैसल पर एफआईआर लिखवाई है उसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे फ़ैसल की धर्म चर्चा सुनकर इतने गदगद हैं कि उन्हें वहां रुकने का न्योता दे रहे हैं. फ़ैसल का कहना है कि नमाज़ का वक़्त होने पर उन्होंने पुजारी से पूछकर कम्पाउंड में नमाज़ अदा की थी.
फैसल को मंदिर में नमाज पढ़ता देखकर साहिर लुधियानवी का वह गीत याद आता है कि, ''यह मस्जिद है, वो बुतखाना, चाहे यह मानो, चाहे वो मानो...” और भारतभूषण पंत का वो शेर भी कि “दो दिनों की ज़िंदगानी, कुफ्र क्या ,इस्लाम क्या...एक दिन काबे में सजदा बुतपरस्ती एक दिन..” लेकिन इसके लिए फ़ैसल को सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने, मंदिर को अपवित्र करने और लोक शांति भंग करने के इल्ज़ाम में जेल भेज दिया गया. फ़ैसल पर एफआईआर कराने वाले पुजारी कान्हा गोस्वामी से उनकी धर्म चर्चा का वीडियो वायरल हो रहा है.
वीडियो में सामाजिक कार्यकर्ता फ़ैसल ख़ान कहते हैं, मेरा नाम है फ़ैसल ख़ान..और यह हैं आलोक, यह हैं मोहम्मद चांद और यह नीलेश. हम लोग सद्भावना हो इसके लिए, ''राम ही केवल प्रेम प्यारा, जान लहू सो जनन हरा.” सो प्रेम है, यही धर्म है.
फ़ैसल ख़ान कहते हैं कि देखो जैसे पानी सबका है..दावा नहीं कर सकते..हवा सबकी है..उसी तरह अल्लाह... मोहम्मद ने कहा है कि सारी कायनात एक परिवार है, तो इसीलिए निकले हैं. कृष्ण तो सबके हैं.. उनकी मोहब्बत सबकी है. फैसल कहते हैं कि कई लोग कह भी रहे थे कि यह समय सही नहीं है…लेकिन मैंने कहा कि यही समय सही है. इस टाइम देश को और दुनिया को पूरे भारत के ज़रिए सद्भावना की, वसुधैव कुटुम्बकम की ज़रूरत है.
फ़ैसल ख़ान कहते हैं कि धर्म अगर सत्य है तो जोड़ेगा. मैं मस्जिद जाने के बाद और संकीर्ण हो रहा हूं तो मेरी मस्जिद को…बुल्ले शाह कहते थे कि...”ढहा दो मस्जिद, ढहा दो मंदिर…” जैसे एक अस्पताल है वहां आदमी स्वस्थ होने जाता है, तो धर्म का जो सच्चा रूप है वह यह कि हम लोग एक दूसरे का दर्द, एक दूसरे की करुणा, एक दूसरे की तकलीफ़, उसको बर्दाश्त करें.
फ़ैसल पुजारी कान्हा को बताते हैं कि उनके लिए भगवान कृष्ण भी एक पैगंबर हैं…और पुजारी उन्हें वहां और रहने की दावत देते हैं. फ़ैसल ख़ान कहते हैं कि जैसे श्री राम और श्री कृष्णा का रास्ता है…यह तो पैगंबर हैं.. कोई मुसलमान भी मुझसे पूछता है कि आप क्यों निकले हो, मैं कहता हूं कि यह तो पैगंबर थे श्री कृष्ण.
कान्हा गोस्वामी कहते हैं कि आपका यहां ब्रज में बहुत-बहुत स्वागत है. आपसे मिलकर हमें बहुत ज़्यादा प्रसन्नता हुई. और अगर आपके पास समय हो, आप यहीं प्रसाद करें दोपहर को. फ़ैसल ख़ान कहते हैं कि अबकी से जब हम आएंगे तो और ज़्यादा समय लेकर. कान्हा गोस्वामी कहते हैं- प्रसाद लें. कान्हा के साथी कहते हैं नहीं भोजन करके जाना.
मंदिर कम्पाउंड में नमाज़ पढ़ने की फोटो फ़ैसल ने फ़ेसबुक पर लगाकर फख्र से लिखा कि हम नंद बाबा मंदिर में ही थे. तभी ज़ुहार की नमाज़ का वक़्त हो गया. हमने सोचा जल्दी निकलके नमाज़ पढ़ लें तभी मुख्य पुजारी जी ने कहा कि अरे भाई यह जगह तो भजन के लिए ही है. उनकी इजाज़त के बाद हमने वहीं ज़ुहार की नमाज़ अदा की.
इल्ज़ाम है कि इससे नाराज़ कट्टरपंथियों ने मंदिर के पुजारी पर दबाव डालकर उनके खिलाफ एफआईआर करवा दी. एफआईआर में कहा गया है कि इस काम से हिंदू समुदाय में काफ़ी रोष है. मंदिर की फोटो का यह लोग दुरुपयोग कर सकते हैं. इन्हें विदेशी मुस्लिम संगठनों की फंडिंग हो सकती है. जांच हो कि यह सद्भाव तोड़ना तो नहीं चाहते?
जो पुजारी कान्हा गोस्वामी वीडियो में फ़ैसल का स्वागत कर रहे थे. उनकी एफआईआर पर फ़ैसल की गिरफ्तारी के बाद कुछ और कहते हैं. कान्हा गोस्वामी ने कहा कि उनका जो मुख्य आरोपी है फ़ैसल ख़ान, उसको पुलिस ने दिल्ली से हिरासत में ले लिया है. हम यूपी सरकार का, यूपी पुलिस का तहेदिल से धन्यवाद प्रकट करते हैं.
अयोध्या के सरयू कुंज मंदिर के लोगों से फ़ैसल ख़ान का पुराना रिश्ता है वो मेधा पाटकर, संदीप पांडे और इस मंदिर के साधुओं के साथ दिल्ली से हरिद्वार तक गंगा स्वच्छता यात्रा भी निकाल चुके हैं. मंदिर के महंत उनकी गिरफ्तारी से नाराज़ हैं.
अयोध्या के सरयू कुंज मंदिर के महंत युगल किशोर शास्त्री ने कहा कि फ़ैसल ख़ान हमारे यहां तमाम बार आ चुके हैं और यहां नमाज़ भी पढ़ चुके हैं. और मंदिर में पूजा और आरती में भी खड़े होते थे. तो यह एक खास सामाजिक कार्यकर्ता जितने भी हैं इंडिया में, उसमें वे खास हैं. पूरे गांधी के तरीक़े से वे चलते हैं.
मथुरा के कौमी एकता मंच के संरक्षक मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने कहा कि फ्रांस के मुद्दे पर आतंकवाद और कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ बोलने वाले फ़ैसल ख़ान, हिंदू-मुसलमान एकता की बात करने वाले फ़ैसल ख़ान, मंदिरों में मत्था टेकने वेल फ़ैसल ख़ान, श्री राधे उत्तरीय ग्रहण करने वाले फ़ैसल ख़ान..श्री राधे-राधे बोलने वाले फ़ैसल ख़ान पर भी अगर रिपोर्ट होगी तो हम जा कहां रहे हैं.
कुछ साल पहले अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में वहां के महंत ज्ञान दास रमज़ान में मुसलमानों को इफ्तार करते थे. मंदिर के आहाते में वे अज़ान देते…नमाज़ पढ़ते और फिर साधु संत रोज़ेदारों को पंगत में बिठाकर इफ्तारी परोसते…और उनसे गले भी मिलते. तब यूपी पुलिस कुछ गड़बड़ थी जिसने उन्हें इस अपराध में जेल नहीं भेजा. एक खूबसूरत शेर है कि…”बेखुदी में हम तो तेरा दर समझके झुक गए…अब खुदा जाने काबा था कि वो बुटखाना था..” आज की तारीख में तो यूपी पुलिस यह शेर लिखने वाले को जेल भेज सकती है…
VIDEO: मुस्लिम युवकों ने मंदिर में नमाज पढ़ी, केस दर्ज
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