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भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो नौसैनिकों को भारत को सौंपने से इटली द्वारा इनकार किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इटालियन राजदूत के भारत छोड़ने पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इटालियन सरकार से भी भारत में मुकदमे के लिए दोनों इटालियन नौसैनिकों को वापस भेजने के वादे से मुकरने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। इटालियन राजदूत और दोनों नौसैनिकों को नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नौसैनिकों की 22 मार्च तक वापसी का लिखित आश्वासन देने वाले राजदूत 18 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करें।
अटॉर्नी जनरल ने इस मुद्दे को शीर्ष अदालत के संज्ञान में लाते हुए बताया था कि सरकार इस बारे में बहुत चिंतित है। उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह की शुरुआत में इटली ने भारत को सूचित किया था कि वह अपनी गारंटी के बावजूद दोनों नौसैनिकों को वापस नहीं भेजेगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नौसैनिकों को परिवार के साथ ईस्टर मनाने और राष्ट्रीय चुनाव में वोट डालने के लिए चार सप्ताह के लिए इटली जाने की इजाज़त दी थी।
बुधवार को ही प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी संसद में कड़ा लहजा अपनाते हुए प्रमुख यूरोपीय शक्ति इटली के खिलाफ कूटनीतिक प्रहार करते हुए कहा था कि यदि इटली अपने वादे पूरे नहीं करता तो उसे 'परिणाम' भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि इटली का यह कदम स्वीकार्य नहीं है। उसने (इटली ने) सभी कूटनीतिक नियमों को ताक पर रख दिया है और एक संप्रभु सरकार के मान्य प्रतिनिधि द्वारा हमारे सर्वोच्च न्यायालय में जताई गई वचनबद्धता को सवाल के दायरे में ला दिया है।
उधर, इटालियन सरकार ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक विवाद का समाधान करने के लिए तैयार है, क्योंकि उसके नौसैनिक रोम की एक अदालत में सुनवाई का सामना कर रहे हैं।
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