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This Article is From Jan 26, 2024

मराठा आरक्षण: सभी मांगों के पूरा नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा: मनोज जरांगे

इससे पूर्व जरांगे हजारों समर्थकों के साथ शुक्रवार को नवी मुंबई पहुंचे. जरांगे और मराठा आरक्षण की मांग करने वाले अन्य कार्यकर्ता सुबह लगभग पांच बजे मोटरसाइकिल, कार, जीप, टेम्पो और ट्रक से मुंबई के बाहरी इलाके में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) पहुंचे.

मराठा आरक्षण: सभी मांगों के पूरा नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा: मनोज जरांगे

मुंबई: मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को कहा कि जब तक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक वह अपना आंदोलन बीच में समाप्त नहीं करेंगे, जबकि महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने दावा किया कि कार्यकर्ता की मांगें स्वीकार कर ली गई हैं. जरांगे एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद पड़ोसी नवी मुंबई के वाशी इलाके में शिवाजी चौक पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे थे.

कार्यकर्ता ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें कुछ दस्तावेज दिए हैं, जिन पर वह अपने समर्थकों के साथ चर्चा करके अपनी भविष्य की रणनीति की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक हम आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं हैं.' सरकार जरांगे को मुंबई न जाने के लिए राजी करने की कोशिश कर रही है.

राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने संवाददाताओं से कहा कि जरांगे की मांगें मान ली गई हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र दिये जा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख तक जायेगी.

इससे पूर्व जरांगे हजारों समर्थकों के साथ शुक्रवार को नवी मुंबई पहुंचे. जरांगे और मराठा आरक्षण की मांग करने वाले अन्य कार्यकर्ता सुबह लगभग पांच बजे मोटरसाइकिल, कार, जीप, टेम्पो और ट्रक से मुंबई के बाहरी इलाके में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) पहुंचे. पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार, जरांगे अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार को आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू करेंगे. प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए कुन्बी (अन्य पिछड़ा वर्ग) दर्जे की मांग कर रहे हैं.

मुंबई पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर शहर में भूख हड़ताल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इसके बावजूद जरांगे ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वह 26 जनवरी को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान पहुंचेंगे.

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 149 के तहत जारी एक नोटिस में पुलिस ने कहा, “मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है और विभिन्न वित्तीय संस्थान तथा अन्य वित्तीय केंद्र मुंबई में काम कर रहे हैं.' इसमें कहा गया, ‘‘मुंबई में प्रतिदिन लगभग 60 से 65 लाख नागरिक नौकरी के लिए ट्रेन और परिवहन के अन्य साधनों का इस्तेमाल करते हैं. यदि मराठा प्रदर्शनकारी अपने वाहनों से शहर पहुंचते हैं, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और शहर में परिवहन व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी.''

मुंबई पुलिस ने सुझाव दिया कि प्रदर्शनकारी संबंधित प्राधिकारी से अनुमति लेने के बाद नवी मुंबई के खारघर में अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट पार्क ग्राउंड में एकत्र हो सकते हैं. पुलिस ने कहा कि यदि प्रदर्शन में शामिल लोगों ने नोटिस का पालन नहीं किया, तो उन्हें उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवमानना का दोषी माना जायेगा.

जरांगे ने कहा कि मराठा आंदोलन से गणतंत्र दिवस पर होने वाला कोई भी कार्यक्रम बाधित नहीं होगा. मुंबई में आयोजकों ने घोषणा की कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर आजाद मैदान में झंडा फहराया जाएगा.

जरांगे पुलिस के नोटिस के बावजूद मुंबई की ओर मार्च करने पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस तथा अजित पवार को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए व्यक्तिगत रूप से चर्चा के लिए आगे आना चाहिए. छत्रपति संभाजीनगर के संभागीय आयुक्त सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जरांगे से मुलाकात कर उन्हें मुंबई न जाने के लिए राजी किया था.

नवी मुंबई के पुलिस अधिकारियों ने भी जरांगे से मुलाकात की और उनसे अपने मार्च का मार्ग बदलने का अनुरोध किया, क्योंकि मार्ग पर एक अस्पताल है. पुलिस ने आयोजकों से अपना मार्ग बदलने और पुराने पुणे-मुंबई राजमार्ग से यात्रा करने का अनुरोध किया.

इस बीच, उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन यह शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने सरकार पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया और कहा कि मराठा आरक्षण संवैधानिक तरीके से दिया जाना चाहिए. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि सरकार जरांगे और मराठा समुदाय को धोखा दे रही है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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