विज्ञापन
This Article is From Jan 27, 2024

Maratha Reservation Movement : मनोज जरांगे ने की सभी मराठा के लिए मुफ्त शिक्षा की मांग की

मनोज जरांगे ने कहा कि मुफ्त शिक्षा नीति में संशोधन किया जाना चाहिए ताकि लड़कियों के अलावा लड़कों को भी मुफ्त शिक्षा मिले और सभी मराठों को ‘‘केजी से पीजी’’ तब तक मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए जब तक कि पूरे समुदाय को आरक्षण का लाभ नहीं मिल जाता.

Maratha Reservation Movement : मनोज जरांगे ने की सभी मराठा के लिए मुफ्त शिक्षा की मांग की
जांगरे ने कहा, सरकारी नौकरी में कुछ सीट मराठों के लिए आरक्षित रखकर भर्ती की जानी चाहिए.
मुंबई:

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को एक नई मांग करते हुए कहा कि जब तक आरक्षण का लाभ पूरे मराठा समुदाय को नहीं मिल जाता तब तक महाराष्ट्र सरकार अपनी मुफ्त शिक्षा नीति में संशोधन करके सभी मराठों को इसका लाभ दे. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आज रात तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह और उनके समर्थक आजाद मैदान में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन के लिए शनिवार को मुंबई में प्रवेश करेंगे.

पड़ोसी नवी मुंबई के वाशी इलाके में शिवाजी चौक पर एक रैली को संबोधित करते हुए जरांगे ने कहा कि वह दिनभर नवी मुंबई में ही रहेंगे. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता जरांगे (40) ने कहा, ‘‘मैं एक कदम पीछे हट रहा हूं.'' उन्होंने कहा कि उन्होंने शुक्रवार से खाद्य पदार्थ खाना बंद कर दिया है और केवल पानी ले रहे हैं. जरांगे ने चेतावनी दी, ‘‘मैं कल दोपहर में आजाद मैदान (मुंबई में) जाने पर निर्णय लूंगा. एक बार जब मैं निकल जाऊंगा, तो पीछे मुड़कर नहीं देखूंगा.''

उन्होंने कहा कि मुफ्त शिक्षा नीति में संशोधन किया जाना चाहिए ताकि लड़कियों के अलावा लड़कों को भी मुफ्त शिक्षा मिले और सभी मराठों को ‘‘केजी से पीजी'' (किंडरगार्टन से स्नातकोत्तर तक) तब तक मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए जब तक कि पूरे समुदाय को आरक्षण का लाभ नहीं मिल जाता. जरांगे ने राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए 37 लाख कुनबी प्रमाणपत्रों का आंकड़ा मांगा है.

कुनबी, एक कृषक समुदाय है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है, और जरांगे सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाण पत्र की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने मुझे बताया है कि 54 लाख कुनबी रिकॉर्ड पाए गए हैं, जिनमें से 37 लाख प्रमाण पत्र दिए गए हैं. ये लोग हैं कौन? हमें आंकड़े चाहिए.''

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकारी नौकरी में कुछ सीट मराठों के लिए आरक्षित रखकर भर्ती की जानी चाहिए. उन्होंने आरक्षण को लेकर किये गये प्रदर्शन के दौरान मराठा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की भी मांग की है. इससे पूर्व राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने संवाददाताओं से कहा कि जरांगे की मांगें मान ली गई हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा.

जरांगे हजारों समर्थकों के साथ शुक्रवार को नवी मुंबई पहुंचे. जरांगे और मराठा आरक्षण की मांग करने वाले अन्य कार्यकर्ता सुबह लगभग पांच बजे मोटरसाइकिल, कार, जीप, टेम्पो और ट्रक से मुंबई के बाहरी इलाके में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) पहुंचे. पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार, जरांगे अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार को आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू करेंगे.

मुंबई पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर शहर में भूख हड़ताल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इसके बावजूद जरांगे ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि थी वह 26 जनवरी को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान पहुंचेंगे. दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 149 के तहत जारी एक नोटिस में पुलिस ने जरांगे को भूख हड़ताल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. पुलिस ने सुझाव दिया कि प्रदर्शनकारी नवी मुंबई के खारघर में ‘इंटरनेशनल कॉरपोरेशन पार्क ग्राउंड' में इकट्ठा हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें : मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को दिया दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम

यह भी पढ़ें : सभी मांगों के पूरा नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा: मनोज जरांगे

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com