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This Article is From Nov 22, 2023

"शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित करें": एकनाथ शिंदे को समय सीमा की याद दिलाते हुए मराठा आरक्षण कार्यकर्ता

मनोज जरांगे ने कहा कि यदि यह मांग उस वक्त तक पूरी नहीं की जाती है तो उसके बाद सरकार आंदोलन को संभाल नहीं पाएगी.

"शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित करें": एकनाथ शिंदे को समय सीमा की याद दिलाते हुए मराठा आरक्षण कार्यकर्ता
मनोज जरांगे ने सरकार को 24 दिसंबर की समय सीमा की याद दिलाई.

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मराठों को आरक्षण देने के लिए विशेष सत्र बुलाने के बजाय महाराष्ट्र विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित करने का राज्य सरकार से मंगलवार को अनुरोध किया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह नगर ठाणे में एक रैली को संबोधित करते हुए जरांगे ने सरकार को 24 दिसंबर की समय सीमा की याद दिलाई, जो उन्होंने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए रखी है.

जरांगे ने कहा कि यदि यह मांग उस वक्त तक पूरी नहीं की जाती है तो उसके बाद सरकार आंदोलन को संभाल नहीं पाएगी. सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे जरांगे ने कहा कि सरकार के पास उनके समुदाय को आरक्षण देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है.

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार सात दिसंबर से शुरू होने वाले विधानमंडल के आगामी सत्र में एक विधेयक पारित कर सकती है. विशेष सत्र बुलाने के बजाय, नवीनतम आंकड़ों के आधार पर आगामी सत्र में मराठों को आरक्षण दीजिए.'' उन्होंने कहा कि जिन लोगों के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें आरक्षण देने के लिए 2001 के आरक्षण अधिनियम का फार्मूला अपनाया जाए. जरांगे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस पर फैसला लेने में सक्षम हैं.

उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘यदि 24 दिसंबर तक आरक्षण नहीं दिया जाता है तो हम भविष्य की रणनीति पर निर्णय लेंगे. 25 दिसंबर से आंदोलन ऐसा रूप ले लेगा कि सरकार उसे संभाल नहीं पाएगी.'' शहर के राम गणेश गडकरी रंगयातन सभागार में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार मराठों को आरक्षण नहीं देना चाहती, बल्कि यह जाति के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश कर रही है. जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय ने कोटा की लड़ाई 85 प्रतिशत जीत ली है और अंतिम हिस्सा ही बचा है.

महाराष्ट्र के मंत्री एवं ओबीसी नेता छगन भुजबल का नाम लिये बगैर जरांगे ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें बाद में अंजाम भुगतना होगा. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता भुजबल ओबीसी कोटा से आरक्षण मुहैया करने की जरांगे की मांग का विरोध करने में आगे रहे हैं. जरांगे ने कहा कि कोटा की मांग को लेकर अपने अनशन के कारण वह शारीरिक रूप से कमजोर हो गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरी शारीरिक हालत पर न जाएं. मैं किसी भी स्थिति का सामना और पलटवार कर सकता हूं.'' उन्होंने जोर दिया कि वह आखिरी सांस तक लड़ेंगे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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