पोखरण में इस महीने की 16 तारीख को होने वाले युद्धाभ्यास को एयर मार्शल अनिल खोसला ने देश के लिए अहम बताया है. उन्होंने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि यह युद्धाभ्यास वायुसेना की क्षमताओं को जांचने के लिए जरूरी होगा. खोसला ने कहा कि 1953 में फायर पावर प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी. यह हर तीन साल में एक बार होता है. पिछली बार हमनें गगन शक्ति युद्धाभ्यास किया था. उन्होंने कहा कि वायुशक्ति अभ्यास में हम यह देखेंगे कि पहचान करने के बाद दुश्मन के किसी लक्ष्य को नष्ट करने के लिए क्या किया जा सकता है. हम इसमें वायुसेना की क्षमताओं का परीक्षण और अभ्यास करेंगे .
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अभ्यास के दौरान हम बमों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल कर हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर मार करने का अभ्यास किया जाएगा. इसके अलावा वायुसेना प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा के दौरान मानवीय सहायता का अभ्यास भी करेगी. खोसला ने बताया कि इसमें एरियल वारफेयर के सभी पक्षों का प्रदर्शन किया जाता है. उन्होंने बताया कि एरियल वारफेयर किये जाते समय अनेक आयामों का परीक्षण किया जाएगा.
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इस अभ्यास में 130 से अधिक लड़ाकू एयरक्राफ्ट भाग ले रहे हैं . वायुशक्ति के मौके पर प्रधानमंत्री और रास्ट्रपति नहीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भाग लेंगी. राफेल को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि रफाल के बारे में बहुत बातें हो चुकी हैं. इसलिए मैं अधिक कुछ नहीं कहूंगा. हमारी स्क्वाड्रन 36 है , ज़रूरत 42 की है. एलसीए तेजस भी लाए जा रहे हैं. एस-400 गेमचेंजर साबित होगा .
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