पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सुलतानपुर की सांसद मेनका गांधी ने सोमवार को कहा कि उनका चुनाव लड़ना तो तय था लेकिन निर्वाचन क्षेत्र तय करने के कारण घोषणा में देरी हुई. सुलतानपुर से दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रत्याशी बनाये जाने के बाद यहां पहुंची मेनका गांधी ने उनकी उम्मीदवारी घोषित होने में देरी होने के सवाल पर पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरा चुनाव लड़ना तय था, लेकिन किस क्षेत्र से लड़ना है इसी को लेकर देरी हुई.''
दरअसल, एक मौका छोड़कर सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र का यह इतिहास रहा है कि यहां दूसरी बार कोई चुनाव नहीं जीता. सिर्फ डीबी राय सुलतानपुर में (1996 और 1998) लगातार दो बार भाजपा से निर्वाचित हुए थे. मेनका गांधी ने कहा, ‘‘मैं दोबारा सुलतानपुर से भाजपा की प्रत्याशी हूं. इसके लिये मैं पार्टी अध्यक्ष व प्रधानमंत्री तथा यहां के सभी विधायकगण की आभारी हूं. दोबारा (उम्मीदवार बनकर) सुलतानपुर आई हूं, इस बात को लेकर मैं बहुत खुश हूं.''
यह पूछे जाने पर कि क्या वरुण गांधी उनके चुनाव का संचालन करेंगे, मेनका गांधी ने कहा, ‘‘इस समय वरुण गांधी और उनकी पत्नी बीमार हैं, इसलिये वह आराम कर रहे हैं.'' रायबरेली व अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में वरुण के मैदान में उतरने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा में हूं, दूसरी पार्टी ( कांग्रेस) की नेता नहीं, जो उसके बारे में आपको जानकारी दूं.”
आपको बता दें कि वरुण गांधी का टिकट काटकर बीजेपी ने योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को पीलीभीत से प्रत्याशी बनाया है. वरुण गांधी लंबे समय से मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे थे. जितिन प्रसाद कांग्रेस की सरकार में केंद्र में भी मंत्री रह चुके हैं.
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