फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट रैकेट के कथित मास्टरमाइंड को वस्तु व सेवा कर (GST) इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों ने तब यह कार्रवाई की, जब वह देश छोड़कर भागने की फिराक में था. रिपोर्ट के मुताबिक, 34 वर्षीय मास्टरमाइंड ने गरीब तबके के लोगों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाई. फर्जी चालान बनाकर 176 करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाला किया. उसकी गिरफ्तारी 23 जून को हुई, लेकिन अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
जीएसटी इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारियों ने कहा कि चेन्नई निवासी और उसके सहयोगियों ने गरीब लोगों को बैंक लोन का वादा किया और प्रोसेस के लिए उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड के डिटेल हासिल किए. फिर उनके नाम पर कई फर्जी कंपनियां खोलीं.
अधिकारियों ने कहा कि फर्जीवाड़ा करने वालों ने रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर, विदेशी सिम कार्ड और स्पेशल फोन का इस्तेमाल किया था. हालांकि, इंटेलिजेंस यूनिट ने आईपी एड्रेस ट्रैकिंग, सीक्रेट व्हाट्सएप चैट का एनालिसिस किया और उन्हें पकड़ने के लिए कई स्थानों पर एक साथ दबिश दी.
यूनिट ने कहा कि 25 बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं. 20 जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए गए हैं. मोबाइल फोन, मॉडेम, लैपटॉप और सिम कार्ड जब्त कर लिए गए हैं.
ये भी पढ़ें:-
चंडीगढ़ : वाहन सवार युवकों को सड़क पर स्टंट करना पड़ा महंगा, पुलिस ने भारी जुर्माना ठोका
यूपी : सरकारी नौकरी पाने के लिए परीक्षा में अपनाए गलत तरीके, पुलिस ने AI के जरिए 40 लोगों को पकड़ा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं