ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कोलकाता:
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को केंद्र की राजग सरकार पर पश्चिम बंगाल में 500 रुपये के नए नोट नहीं जारी कर इस राज्य के साथ भेदभावपूर्ण राजनीति करने का आरोप लगाया एवं कहा कि अन्य राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने के बाद अगली कार्ययोजना तय करेंगी.
ममता बनर्जी ने कहा, "उन्होंने राजस्थान को 500 रुपये के नोट भेजे हैं, लेकिन वे पश्चिम बंगाल को 500 रुपये के नोट नहीं भेज रहे हैं. केंद्र सरकार सही ढंग से कार्य करने में पूरी तरह विफल रही है. ग्रामीण भारत मर रहा है, वह कार्ड नहीं इस्तेमाल करता. वे क्या करेंगे? पूरा ग्रामीण भारत चीख रहा है, किसान चीख रहे हैं. यदि खाना ही उपलब्ध नहीं होगा, तो लोग खाएंगे क्या? प्लास्टिक?? ’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बड़े पुराने नोटों का चलन बंद होने के कारण राज्य में तीन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
उन्होंने केंद्र सरकार के इस अनुरोध पर ऐतराज करने पर उच्चतम न्यायालय की सराहना की कि वह यह निर्देश दे कि शीर्ष अदालत के सिवा कोई भी अदालत नोटबंदी की अधिसूचना पर याचिकाएं नहीं सुन सकती.
ममता आज कोलकाता में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय गईं और वहां की क्षेत्रीय निदेशक रेखा वारियर से भेंट के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "मैंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी बैंकों एवं एटीएम पर नकदी उपलब्ध हो. आम लोगों को परेशानियां नहीं होनी चाहिएं. उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए.
यह मत कहिए कि हम कोशिश कर रहे हैं क्योंकि 'कोशिश' अनिश्चित शब्द है. यह लापरवाही एवं अक्षमता को ढाल देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मैं आपको दोष नहीं दे रही. आप कहां से नोट देंगे, यदि केंद्र ने दिया ही नहीं है." वह पार्टी नेताओं के साथ आरबीआई कार्यालय के आसपास स्थित एटीएम पर भी गईं और उन्होंने लोगों से बातचीत की.
उन्होंने कहा, "लोग अपने बचत खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे. उन्हें रोका जा रहा है. क्या उनका पैसा सुरक्षित है? देश जानना चाहता है." अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद से नोटबंदी के फैसले को तीन दिन में अंदर वापस लेने का आह्वान कर चुकीं ममता ने कहा, "तीन दिन की समयसीमा बीत जाने के बाद मैं अन्य राजनीतिक दलों से बात करूंगी एवं अगली कार्य योजना तय करूंगी."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ममता बनर्जी ने कहा, "उन्होंने राजस्थान को 500 रुपये के नोट भेजे हैं, लेकिन वे पश्चिम बंगाल को 500 रुपये के नोट नहीं भेज रहे हैं. केंद्र सरकार सही ढंग से कार्य करने में पूरी तरह विफल रही है. ग्रामीण भारत मर रहा है, वह कार्ड नहीं इस्तेमाल करता. वे क्या करेंगे? पूरा ग्रामीण भारत चीख रहा है, किसान चीख रहे हैं. यदि खाना ही उपलब्ध नहीं होगा, तो लोग खाएंगे क्या? प्लास्टिक?? ’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बड़े पुराने नोटों का चलन बंद होने के कारण राज्य में तीन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
उन्होंने केंद्र सरकार के इस अनुरोध पर ऐतराज करने पर उच्चतम न्यायालय की सराहना की कि वह यह निर्देश दे कि शीर्ष अदालत के सिवा कोई भी अदालत नोटबंदी की अधिसूचना पर याचिकाएं नहीं सुन सकती.
ममता आज कोलकाता में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय गईं और वहां की क्षेत्रीय निदेशक रेखा वारियर से भेंट के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "मैंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी बैंकों एवं एटीएम पर नकदी उपलब्ध हो. आम लोगों को परेशानियां नहीं होनी चाहिएं. उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए.
यह मत कहिए कि हम कोशिश कर रहे हैं क्योंकि 'कोशिश' अनिश्चित शब्द है. यह लापरवाही एवं अक्षमता को ढाल देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मैं आपको दोष नहीं दे रही. आप कहां से नोट देंगे, यदि केंद्र ने दिया ही नहीं है." वह पार्टी नेताओं के साथ आरबीआई कार्यालय के आसपास स्थित एटीएम पर भी गईं और उन्होंने लोगों से बातचीत की.
उन्होंने कहा, "लोग अपने बचत खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे. उन्हें रोका जा रहा है. क्या उनका पैसा सुरक्षित है? देश जानना चाहता है." अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद से नोटबंदी के फैसले को तीन दिन में अंदर वापस लेने का आह्वान कर चुकीं ममता ने कहा, "तीन दिन की समयसीमा बीत जाने के बाद मैं अन्य राजनीतिक दलों से बात करूंगी एवं अगली कार्य योजना तय करूंगी."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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