दिल्ली में छात्रों का अभिवादन स्वीकारते नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पहले शौचालय बनने चाहिए और मंदिर बाद में।
युवाओं के लिए यहां आयोजित एक समारोह में मोदी ने कहा कि हिंदुत्ववादी नेता की छवि होने के बाद भी उनमें यह बात कहने का साहस है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हिंदुत्ववादी नेता कहा जाता है। मेरी छवि मुझे ऐसा कहने नहीं देगी लेकिन मुझमें यह कहने का साहस है। वाकई मेरी सोच है- पहले शौचालय, फिर देवालय।’’ गुजरात के मुख्यमंत्री का यह बयान उनकी पार्टी और सहयोगी संगठनों के अंदर विवाद खड़ा कर सकता है जो अगले लोकसभा चुनावों से पहले मंदिर मुद्दा उठाने को उत्सुक हैं।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भी शौचालयों पर इस तरह का बयान देते हुए कहा था कि देश को मंदिरों से ज्यादा जरूरत शौचालयों की है। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया था और कई महिला संगठनों और एनजीओ ने उनकी टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
विकास का नारा देते हुए मोदी ने कहा कि गांवों में मंदिरों पर लाखों रपये खर्च किये जाते हैं लेकिन वहां शौचालय नहीं हैं।
महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि यह विडंबना ही है कि देश में महिलाओं को शौचालय नहीं होने पर खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है।
मोदी ने कहा कि वास्तविक नेता वह होता है जिसमें सभी समस्याओं को संभालने की क्षमता और आगे बढ़ने का नेतृत्व करने का गुण हो।
2014 के आम चुनावों के लिए भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार मोदी ने देश के युवा वोटरों से कहा कि मेरी नजर में सेक्युलरिज्म का मतलब है, देश पहले, भारत पहले। सभी के लिए न्याय, किसी का तुष्टिकरण नहीं। और वोटों की राजनीति नहीं, गरीब आदमी गरीब ही है, यह गैरजरूरी है कि वह कहां पूजा करता है।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजनीतिक दलों से अपील की थी कि सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ सेकुलर पार्टियों को एकजुट होना चाहिए।
दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आज सुबह ही नरेंद्र मोदी आ गए थे और पूरा दिन वहीं रहे। इस दौरान तमाम नेताओं ने अपनी बात रखी।
अपने भाषण में मोदी ने कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद पर हमला करते हुए कहा कि मेरे परिवार में किसी को पॉलिटिक्स का पी नहीं मालूम, मैंने बचपन में ट्रेन में चाय बेची और आज आपके सामने खड़ा हूं। इसलिए यह सोचना छोड़ दो कि आप कहां से आए हैं, चलना शुरू कीजिए, मंजिल मिल जाएगी।
मोदी के भाषण ने युवाओं में जोशभर दिया था और वह उनके भाषण में जोरदार तालियां बजाते रहे।
आज मोदी के साथ टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि अगले चुनाव के लिए नायडू एनडीए में शामिल हो सकते हैं।
(इनपुट भाषा से भी)
युवाओं के लिए यहां आयोजित एक समारोह में मोदी ने कहा कि हिंदुत्ववादी नेता की छवि होने के बाद भी उनमें यह बात कहने का साहस है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हिंदुत्ववादी नेता कहा जाता है। मेरी छवि मुझे ऐसा कहने नहीं देगी लेकिन मुझमें यह कहने का साहस है। वाकई मेरी सोच है- पहले शौचालय, फिर देवालय।’’ गुजरात के मुख्यमंत्री का यह बयान उनकी पार्टी और सहयोगी संगठनों के अंदर विवाद खड़ा कर सकता है जो अगले लोकसभा चुनावों से पहले मंदिर मुद्दा उठाने को उत्सुक हैं।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भी शौचालयों पर इस तरह का बयान देते हुए कहा था कि देश को मंदिरों से ज्यादा जरूरत शौचालयों की है। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया था और कई महिला संगठनों और एनजीओ ने उनकी टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
विकास का नारा देते हुए मोदी ने कहा कि गांवों में मंदिरों पर लाखों रपये खर्च किये जाते हैं लेकिन वहां शौचालय नहीं हैं।
महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि यह विडंबना ही है कि देश में महिलाओं को शौचालय नहीं होने पर खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है।
मोदी ने कहा कि वास्तविक नेता वह होता है जिसमें सभी समस्याओं को संभालने की क्षमता और आगे बढ़ने का नेतृत्व करने का गुण हो।
2014 के आम चुनावों के लिए भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार मोदी ने देश के युवा वोटरों से कहा कि मेरी नजर में सेक्युलरिज्म का मतलब है, देश पहले, भारत पहले। सभी के लिए न्याय, किसी का तुष्टिकरण नहीं। और वोटों की राजनीति नहीं, गरीब आदमी गरीब ही है, यह गैरजरूरी है कि वह कहां पूजा करता है।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजनीतिक दलों से अपील की थी कि सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ सेकुलर पार्टियों को एकजुट होना चाहिए।
दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आज सुबह ही नरेंद्र मोदी आ गए थे और पूरा दिन वहीं रहे। इस दौरान तमाम नेताओं ने अपनी बात रखी।
अपने भाषण में मोदी ने कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद पर हमला करते हुए कहा कि मेरे परिवार में किसी को पॉलिटिक्स का पी नहीं मालूम, मैंने बचपन में ट्रेन में चाय बेची और आज आपके सामने खड़ा हूं। इसलिए यह सोचना छोड़ दो कि आप कहां से आए हैं, चलना शुरू कीजिए, मंजिल मिल जाएगी।
मोदी के भाषण ने युवाओं में जोशभर दिया था और वह उनके भाषण में जोरदार तालियां बजाते रहे।
आज मोदी के साथ टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि अगले चुनाव के लिए नायडू एनडीए में शामिल हो सकते हैं।
(इनपुट भाषा से भी)
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