दिल्ली के बाद अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की हवा भी जहरीली होती जा रही है. मुंबई में सर्दी के साथ-साथ हवा की गुणवत्ता (Air Quality Index) में भी कमी आई है. बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से मुंबई की हवा ‘बहुत ख़राब' श्रेणी में आ गई है. दिसंबर से मुंबई की एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' कैटेगरी में है. इससे शहर में सांस (अस्थमा) के मरीजों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों और बच्चों की सेहत पर पड़ा है. खराब हवा की वजह से नवी मुंबई में सर्दी, खांसी, आंख और सांस से जुड़ी मरीजों की संख्या में भी 40 फीसदी का इजाफा हुआ है.
दरअसल, शुद्ध हवा की गुणवत्ता के लिए हवा में AQI की संख्या जीरो से 50 के बीच होनी चाहिए. लेकिन नवी मुंबई में यह संख्या 208 तक पहुंच गया है. मुंबई की हवा कितनी खराब हो चुकी है, इसका अंदाजा अस्पतालों में पहुंच रहे बच्चों को देखकर लगाया जा सकता है.
अपने 11 साल के बेटे रूद्र को अस्पताल लेकर पहुंचीं सानिका सुर्वे ने बताया, 'मेरे बच्चे को अस्थमा है, लेकिन इस मौसम में हालत और ख़राब हो गए हैं. सीधे एडमिट करने की नौबत सी आ गई थी. खांसी रुकती ही नहीं, बहुत प्रदूषण बढ़ा है. इसलिए सुबह स्कूल जाते, खेलते कूदते समय ज़्यादा समस्या होती है'
फ़ोर्टिस हीरानंदानी ऐक्मे जैसे शहर के कई अस्पतालों और क्लिनिक से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार, सांस से जुड़ी समस्या वाले मरीजों में करीब 30-40% की बढ़ोतरी दिख रही है. डॉ इरफ़ान अली, बाल रोग विशेषज्ञ (केजे सोमैया, एसआरसीसी, ऐक्मे हॉस्पिटल) के मुताबिक, ‘बीते 2-3 हफ्तों से ऐसे मरीज़ 30 फीसदी बढ़े हैं. लंबी खांसी, निमोनिया, के मरीज़ बढ़े हैं. अस्थमा वाले मरीज़ों की हालत और खराब है, जो कंट्रोल थेरेपी पर थे वो एक्ट्यूट कंडीशन में आ रहे हैं. नवजात बच्चों को सांस और खांसी की तकलीफ हो रही है.'
फोर्टिस अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जेसल शेठ ने कहा, 'मुंबई में पिछले एक महीने में बच्चों को अलग-अलग प्रकार की लंग्स की बीमारियों हो रही हैं. ये सिर्फ प्रदूषण की वजह से हो रहा है या मुंबई में कोई वायरल एपिडेमिक चल रहा है.'
फिलहाल शहर का तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस है. आगे 11 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की संभावना है. गिरते तापमान के साथ बिगड़ती हवा हर उम्र के लिए तकलीफदेह बन रही है.
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