महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री मानिकराव कोकाटे ने न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उनके इस्तीफे के तत्काल बाद कानूनी प्रक्रिया तेज हो गई है. नासिक अपराध शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त संदीप मिटके के नेतृत्व में पुलिस की एक विशेष टीम, जिसमें दो पुलिस निरीक्षक और अन्य कर्मचारी शामिल हैं, गिरफ्तारी वारंट के साथ तीन गाड़ियों के काफिले में मुंबई के लिए रवाना हो चुकी है.
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने एक्स पोस्ट में कहा, 'महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और मेरी पार्टी के साथी मानिकराव कोकाटे ने माननीय कोर्ट के फैसले के बाद मुझे अपना इस्तीफा दे दिया है. हमारी पार्टी की लंबे समय से चली आ रही सोच के अनुसार कि कानून का राज सबसे ऊपर है और सभी लोगों से ऊपर है, इस्तीफा सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है.'
उन्होंवे कहा कि मैंने कोकाटे का इस्तीफा संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार, उचित विचार और स्वीकृति के लिए माननीय CM को भेज दिया है. हमारी पार्टी का हमेशा से मानना रहा है कि सार्वजनिक जीवन संवैधानिक नैतिकता, संस्थागत ईमानदारी और न्यायपालिका के सम्मान से चलना चाहिए. हम कानून के राज के साथ मजबूती से खड़े हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के भरोसे को बनाए रखने वाले तरीके से काम करते रहेंगे.
माणिकराव कोकाटे नासिक जिले के सिन्नर निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार के विधायक हैं और उनका राजनीतिक निष्ठा बदलने का इतिहास रहा है. उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है.
क्या है पूरा मामला
यह मामला 1995 का है और इसमें मुख्यमंत्री कोटे के तहत आरक्षित फ्लैटों के दुरुपयोग का आरोप है. ये फ्लैट कम आय वाले लोगों के लिए हैं जिनके पास कोई अन्य संपत्ति नहीं है. माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे पर नासिक के कनाडा कॉर्नर इलाके में स्थित 'निर्माण व्यू अपार्टमेंट' में दो फ्लैट हासिल करने के लिए फर्जी हलफनामे और दस्तावेज जमा करने का आरोप था.
जांच में पता चला कि भाई उसी इमारत में दो और फ्लैटों का भी इस्तेमाल कर रहे थे जो दूसरों को आवंटित किए गए थे. जिला प्रशासन की जांच के आधार पर, विश्वनाथ पाटिल - जो उस समय अर्बन लैंड सीलिंग विभाग में अधिकारी थे, उन्होंने एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई.
इसके बाद, सरकारवाड़ा पुलिस स्टेशन में कोकाटे भाइयों सहित चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया. कोर्ट ने अब उन्हें दो साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई है और प्रत्येक पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया है.
कैबिनेट में शामिल होने के बाद से, मंत्री कोकाटे अक्सर कई विवादों के केंद्र में रहे हैं. जुलाई में राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के बाद उनसे कृषि मंत्रालय छीन लिया गया था, जब एनसीपी (शरद पवार) के विधायक रोहित पवार ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किए थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कोकाटे विधान परिषद सत्र के दौरान अपने मोबाइल फोन पर गेम खेल रहे थे.
हालांकि, मंत्री कोकाटे ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन इस घटना की कड़ी आलोचना हुई. इस साल की शुरुआत में, एनसीपी के एक और मंत्री धनंजय मुंडे को इस्तीफा देना पड़ा था, जब उनके सहयोगी वाल्मीकि कराड का नाम बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़ा था.
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