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This Article is From Jul 01, 2022

'हमारे पास अनुभवी उपमुख्यमंत्री..': देवेंद्र फडणवीस संग कैबिनेट मीटिंग के बाद बोले एकनाथ शिंदे

 उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हमारे पास फिर आपके साथ काम करने का अवसर है. आइए महाराष्ट्र को गतिशीलता और निर्णय लेने की क्षमता के साथ आगे ले जाने का प्रयास करें.

'हमारे पास अनुभवी उपमुख्यमंत्री..': देवेंद्र फडणवीस संग कैबिनेट मीटिंग के बाद बोले एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने ली कैबिनेट मीटिंग

शिवसेना (Shiv Sena) के एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde Oath) ने गुरुवार शाम महाराष्ट्र के नए सीएम पद की शपथ ली. जबकि देवेंद्र (Devendra Fadnavis) फडणवीस राज्य के नए उप-मुख्यमंत्री बन गए हैं. इसके बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट मीटिंग ली. बैठक के बाद सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत में शिंदे ने कहा कि  "हम नई शुरुआत कर रहे हैं. हमारे साथ एक अनुभवी उपमुख्यमंत्री हैं इसलिए इसे मैनेज करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. राज्य में विकास कार्य के लिए लोकप्रतिनिधि और प्रशासन को हाथ में हाथ डालकर काम करना पड़ता है. दोनों एक रथ के दो पहिए हैं. लोगों ने हम पर भरोसा दिखाया है उसे सार्थक करना है. मेट्रो, समृद्धि महामार्ग और जलमार्ग सभी समय से पूरे करने हैं. इसके लिए उम्मीद है प्रशासन सहयोग देगा. वहीं उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हमारे पास फिर आपके साथ काम करने का अवसर है. आइए महाराष्ट्र को गतिशीलता और निर्णय लेने की क्षमता के साथ आगे ले जाने का प्रयास करें.

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बता दें कि सीएम एकनाथ शिंदे के शपथ लेने के बाद उन्हें पीएम मोदी ने बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि मैं एकनाथ शिंदे जी को महाराष्ट्र के नए सीएम के तौर पर शपथ लेने की बधाई देता हूं. वो जमीन से जुड़े नेता हैं. राजनीति में उनका अनुभव महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएगा. मैं उन्हें एक बार फिर बधाई देता हूं. पीएम ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस बीजेपी के हर कार्यकर्ता के लिए एक प्रेरणा हैं. उनका अनुभव राज्य सरकार के लिए काफी फायदेमंद साबित होने वाला है. मुझे भरोसा है कि उनके सहयोग से राज्य के विकास की यात्रा और तेज होगी. 

गौरतलब है कि राज्य में कई दिनों से राजनीतिक उथापुथल के हालात थे. शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायक पहले मुंबई से सूरत गए और वहां से फिर उन्हें गुवाहाटी भेज दिया गया. ये सभी विधायक उद्धव ठाकरे सरकार का विरोध कर रहे थे. इनकी मांग थी कि उद्धव ठाकरे महाअघाड़ी सरकार से बाहर आएं.

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