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एकनाथ शिंदे का CM पद दांव पर, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज : 10 प्‍वाइंट में समझें पूरा मामला

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महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे नीत सरकार के भविष्य पर उच्चतम न्यायालय का फैसला (फाइल फोटो)
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महाराष्‍ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के लिए आज महत्‍वपूर्ण दिन है. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर आज को फैसला सुनाएगी. ऐसे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का पद और उनकी सरकार दांव पर है.

  1. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि एकनाथ शिंदे और 15 अन्य विधायकों को पिछले साल जून में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए या नहीं.
  2. पिछले साल जून में शिंदे और 39 विधायकों ने अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिससे पार्टी विभाजित हो गई और राज्य में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई. बाद में, शिंदे ने भाजपा के साथ गठजोड़ कर राज्य में सरकार बना ली. इस गठजोड़ के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. 
  3. अगर आज एकनाथ  शिंदे को अयोग्य घोषित किया जाता है, तो उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा और उनकी सरकार को भंग कर दिया जाएगा. इससे सबसे ज्‍यादा फायदा उद्धव ठाकरे को होता नजर आ रहा है. 
  4. शीर्ष अदालत ने इस साल मार्च में राज्य में पिछले साल के राजनीतिक संकट से संबंधित उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुटों की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने वाले शिवसेना के 16 विधायकों (शिंदे गुट) को अयोग्य ठहराने की मांग भी शामिल थी.
  5. फैसला मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ पर निर्भर करता है, जिन्होंने दोनों पक्षों की आठ याचिकाओं को क्लस्टर किया है.
  6. वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में उद्धव ठाकरे की ओर से बहस की, जबकि हरीश साल्वे, नीरज कौल और महेश जेठमलानी ने एकनाथ शिंदे के खेमे का प्रतिनिधित्व सुप्रीम कोर्ट में किया.
  7. दावा किया कि सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन जरूरत पड़ने पर 288 सदस्यीय विधानसभा में 184 से अधिक वोट हासिल कर बहुमत साबित कर सकता है. भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि  एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार को कोई खतरा नहीं है. लेकिन, जरूरत पड़ी तो हम राज्य विधानसभा में 184 से ज्यादा वोट जीतकर बहुमत साबित करेंगे.
  8. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कहा कि न्यायालय का फैसला देश का भविष्य निर्धारित करेगा. राउत ने कहा,‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला यह तय करेगा कि देश में लोकतंत्र है या नहीं? क्या विधानमंडल संविधान के अनुसार कामकाम कर रहे हैं, क्या न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से निर्णय कर रही है? मैं आश्वस्त हूं कि उच्चतम न्यायालय स्वतंत्र है.''
  9. मार्च में मामले की सुनवाई समाप्त होने से पहले, अदालत ने घवी से यह बताने के लिए कहा था कि ठाकरे की सरकार को कैसे बहाल किया जा सकता है. जबकि उन्होंने विधानसभा में फ्लोर टेस्‍ट का सामना करने से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
  10. इस साल फरवरी महीने में शिवसेना में विवाद पर फैसला सुनाते हुए चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना पार्टी का नाम और उसका धनुष-बाण चिन्ह आवंटित किया था. वहीं,  ठाकरे के छोटे गुट को शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे नाम दिया गया और एक ज्वलंत मशाल का प्रतीक चुनाव चिह्न के रूप में दिया.

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