Maharashtra Assembly Election Results: नागपुर जिले के काटोल विधानसभा क्षेत्र में राज्य के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी के नेता अनिल देशमुख का मुकाबला एक ऐसा युवा नेता से है जिसके पिता सबसे अधिक पढ़े-लिखे नेता थे. पूर्व मंत्री श्रीकांत जिचकर के पुत्र यज्ञवालक्य जिचकर का मुकाबला अनिल देशमुख से है. यज्ञवालक्य वैसे तो कांग्रेस में थे, लेकिन उन्होंने यह चुनाव बगावत करके लड़ा. वे निर्दलीय उम्मीदवार हैं. उन्हें कांग्रेस ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. काटोल का यह चुनावी मुकाबला रोचक रहा है.
यज्ञवालक्य जिचकर ने कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया. इसके बाद वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ गए.
यज्ञवालक्य स्वर्गीय डॉ श्रीकांत जिचकर के पुत्र हैं. श्रीकांत जिचकर महाराष्ट्र में विधायक और वित्त मंत्री रहे थे. वे मंत्री के रूप में 14 विभागों को संभालते रहे थे. यज्ञवालक्य 30 साल के हैं और कटोल से पहली बार चुनाव रहे हैं. इसी क्षेत्र से उनके पिता भी विधायक रहे थे.
श्रीकांत जिचकर ने की थी 42 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई
यज्ञवालक्य के साथ उनके पिता का बड़ा नाम जुड़ा हुआ है. श्रीकांत जिचकर भारत के सबसे अधिक शिक्षित नेता माने गए. श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर 1954 को महाराष्ट्र के काटोल में हुआ था. श्रीकांत जिचकर ने 42 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई की थी. श्रीकांत जिचकर ने नागपुर यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री ली थी. बाद में इकानॉमिक्स, संस्कृत, इतिहास, लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, अंग्रेजी साहित्य, दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान, प्राचीन भारतीय इतिहास, अंतरराष्ट्रीय कानून में पोस्ट ग्रेजुएशन किया, एमबीए किया, मैनेजमेंट में डॉक्टरेट की, पत्रकारिता में स्नातक की डिग्री ली और संस्कृत में डीलिट किया. उन्होंने यह डिग्रियां 1973 से 1990 के बीच हासिल की थीं.
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के मुताबिक श्रीकांत जिचकर देश के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति थे. अब तक कोई भी उनका रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाया. यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में वे दो बार सफल हुए. पहले आईपीएस बने और फिर आईएएस के लिए चुने गए.
देश के सबसे कम उम्र के एमएलए बने थे
श्रीकांत जिचकर 26 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के एमएलए बने थे. उन्हें मंत्री बनाया गया था. उन्होंने सन 1980 से 1985 तक महाराष्ट्र विधानसभा और 1986 से 1992 तक महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे थे. सन 1992 से 1998 तक वे राज्यसभा सांसद रहे थे. दो जून 2004 को नागपुर के कोंढाली में सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी. उस समय उनकी उम्र 49 साल थी.
यह भी पढ़ें -
Election Results 2024: महाराष्ट्र-झारखंड में किसके सिर सजेगा सत्ता का ताज, कल आएंगे नतीजे
संजय राउत ने एग्जिट पोल को बताया झूठा, बोले-पैसे देकर कराया गया सर्वे, MVA जीत रहा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं