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महंत यशवीर महाराज ने लोगों से हरिद्वार से कांवड़ न खरीदने की अपील की, कही ये बात

महाराज ने अपने एक वीडियो में कहा, "हरिद्वार से कांवड़ लाने वाले शिव भक्तों को एक जानकारी देनी है, जो सनातन धर्म के लोगों के भोजन में थूकते हैं या मूत्र करते हैं, उसी जिहादी गैंग के 90% भाई कांवड़ के दौरान हरिद्वार में कांवड़ बनाने का काम करते हैं."

महंत यशवीर महाराज ने लोगों से हरिद्वार से कांवड़ न खरीदने की अपील की, कही ये बात
  • महंत यशवीर जी महाराज ने कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार से कांवड़ न लाने की अपील की
  • उन्होंने आरोप लगाया कि हरिद्वार में कांवड़ बनाने वाले 90% लोग जिहादी गिरोह से जुड़े हैं
  • महाराज ने कहा कि ये लोग भोजन को अपवित्र करते हैं, जिससे कांवड़ भी अशुद्ध हो जाती है
  • उन्होंने शिव भक्तों से आग्रह किया कि वे अपना सामान घर से लेकर आएं और पवित्र गंगाजल लाएं
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नई दिल्ली:

कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों, सड़क किनारे लगाए गए खाने-पीने के स्टॉल और रेस्टोरेंट की पहचान करने वाले अपने "नेमप्लेट अभियान" से चर्चा में आए महंत यशवीर जी महाराज ने एक और वीडियो जारी किया है. अपने इस वीडियो में उन्होंने कांवड़ियों से अनुरोध किया है कि वो हरिद्वार से कांवड़ न लाएं क्योंकि वहां कांवड़ बनाने वाले 90% लोग जिहादी गिरोह (मुसलमान) हैं.  उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि ये जिहादी लोग थूक और मूत्र से भोजन को अपवित्र करते हैं, इसलिए उनके द्वारा बनाई गई कांवड़ भी अपवित्र हो जाएगी. 

महाराज ने अपने एक वीडियो में कहा, "हरिद्वार से कांवड़ लाने वाले शिव भक्तों को एक जानकारी देनी है, जो सनातन धर्म के लोगों के भोजन में थूकते हैं या मूत्र करते हैं, उसी जिहादी गैंग के 90% भाई कांवड़ के दौरान हरिद्वार में कांवड़ बनाने का काम करते हैं. जो सनातन धर्म के लोगों के भोजन को अशुद्ध करते हैं तो वो कांवड़ भी खंडित और अशुद्ध हो चुके हैं और इस वजह से हरिद्वार से कांवड़ न खरीदें". 

उन्होंने आगे कहा, "कांवड़ बनाने का अपना ही सामान घर से लेकर जाएं या एक डंडा ले जाएं और प्लास्टिक की दो छोटी-छोटी कैन ले जाएं या दो लौटे लेकर जाएं और हरिद्वार से पवित्र गंगाजल कांवड़ की तरह लेकर आएं. ये कांवड़ आप जो इस तरह लेकर आओगे, यही लगेगी और वहां से खरीदी हुई अपवित्र कांवड़ नहीं लगेगी". 

उन्होंने आगे कहा, "इसके साथ मैं ये भी कहना चाहता हूं कि जिनके मजहब में मूर्ति पूजन करना मूर्तिपूजा का सामान बेचना, मूर्तिपूजा का प्रसाद बेचना हराम हैं तो सनातन धर्म का मूर्ति पूजा का सामान बनाने के अधिकार उन्हें किसने दिया है और वो क्यों ये बनाते हैं. कांवड़ बनाने वाले इन लोगों के ऊपर हमें बिलकुल विश्वास नहीं है क्योंकि ये हमारी पवित्रता और सनातन धर्म की आस्था का प्रश्न है. इस वजह से ये लोग हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ न करें."

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