13 जनवरी से शुरु हुआ महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक चलने वाला है. महाकुंभ की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन भी कहा जा रहा है. इसी बारे में एनडीटीवी संवाद में बात करते हुए अमृत अभिजात ने बताया कि 62 यूनिवर्सिटी इस पर स्टडी करना चाहती हैं. उन्होंने बताया कि ये सभी यूनिवर्सिटी कुंभ से जुड़ी अलग-अलग चीजों पर स्टडी करना चाहती हैं.
कुंभ में किया गया 15 हजार करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट
अमृत अभिजात ने कहा, "कुंभ एक बहुत बड़ा ईवेंट है और यह एक चैलेंज भी है. इसकी तैयारी हम डेढ साल से कर रहे थे और इसके इंफ्रास्ट्रक्चर को इस तरह से तैयार किया गया है कि कुंभ के बाद भी वो बरकरार रहे. इसे अगर भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच बांटा जाए तो इसमें कुल 15 हजार करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट किया गया है".
62 यूनिवर्सिटी करना चाहती हैं इस पर स्टडी
उन्होंने कहा, "चाहे इंवेस्टमें रेलवे में हो, सिविल हो, नेशनल हाईवे हो, अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर हो, घाटों का सौंदर्यीकरण हो या अन्य काम हो. यहां एक ऐसी व्यवस्थी दी जा रही है जो आगे भी ऐसे ही रहेगी. जब आखिरी बार कुंभ का आयोजन कराया गया था तब हार्वर्ड और लंदन यूनिवर्सिटी ने इस पर स्टडी की थी. इस बार हमने इस स्टडी को ओपन करने के बारे में सोचा और हमने कुछ यूनिवर्सिटी को लिखा. हमने 49 यूनिवर्सिटी को लिखा था और 62 यूनिवर्सिटी से रिवर्ट आया और वो सभी इसपर स्टडी करना चाहते हैं".
विश्व के कई बड़े संस्थान इसमें शामिल
उन्होंने बताया कि इसमें "आईआईएम, आईआईटी, विश्व लेवल के संस्थान, एनआईयूए, लखनऊ यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी आदि शामिल हैं. लेकिन बाहर के लोग बहुत इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसके बाद हमने फाइनल अप्रूवल दिया तो स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, मेलिंडा मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सारे आईआईटी और आईआईएम हमारे साथ हिस्सा ले रहे हैं".
अलग-अलग तरह से होगी महाकुंभ की स्टडी
उन्होंने कहा, "इसको हमने अलग-अलग हिस्सों में बांटा है क्योंकि कुंभ अपने आप में एक जादूई चीज है. यह अपने आप में एक शहर है जो तीन महीने के लिए बस गया है. इसमें आपको पानी, बिजली, सड़क सबकुछ मिलेगा और मार्च के अंत तक यह पूरा क्लीयर कर दिया जाएगा. वहां पर गंगा अपने प्रवाह में रहेंगी. हालांकि, कुंभ के क्षेत्र के बाहर जो हिस्सा बनाया गया है वो वहां हमेशा रहेगा".
इन विषयों पर की जाएगी स्टडी
उन्होंने कहा, "इसमें रिलिजियस स्टडी, स्पिरिचुअलिज्म के हिसाब से आदि तरीकों से स्टडी की जाएगी. इसमें हेल्थ, स्वच्छता, सुरक्षा आदि की क्या व्यवस्था है इन सब चीजों के बारे में स्टडी किया जाएगा. यहां पर एक वक्त में लोगों को एक मैजिकल फीलिंग आती है और जो वहां आते हैं इसे केवल वही महसूस कर पाते हैं. यहां न कास्ट है न कैटेगरी है और सब मोक्ष की प्राप्ति के लिए एकत्रित होते हैं और इन्हीं सब चीजों के बारे में स्टडी की जाएगी".
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