- आंध्र प्रदेश में मारे गए माओवादी नेता माडवी हिडमा के समर्थन में इंडिया गेट पर नारे और पोस्टर दिखाए गए.
- सुरक्षा बलों और नागरिकों के खिलाफ कम से कम 26 सशस्त्र हमलों के लिए हिडमा जिम्मेदार था.
- दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट पर माओवादी नारे लगाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया.
आंध्र प्रदेश में एक मुठभेड़ में मारे गए शीर्ष माओवादी नेता माडवी हिडमा के समर्थन में पोस्टर और नारे रविवार को दिल्ली के इंडिया गेट पर राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान नजर आए. प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने 'माडवी हिडमा अमर रहें' जैसे नारे लगाए. प्रदर्शन के हिंसक होने से कुछ मिनट पहले, एक व्यक्ति को एक पोस्टर पकड़े हुए देखा जा सकता है, जिस पर लिखा था: 'बिरसा मुंडा से लेकर माडवी हिडमा तक, हमारे जंगलों और पर्यावरण का संघर्ष जारी रहेगा.'
Protesters against Air Pollution in Delhi suddenly started raising slogans in support of Indian Naxalite Hidma; says "Long live Comrade Hidma"
— Sujal Singh (@sujalsingh_x) November 23, 2025
Delhi's air quality hit severe levels Sunday, with AQI around 400, prompting hybrid school classes and health alerts for vulnerable… pic.twitter.com/7cg6aeTRc1
दिल्ली पुलिस ने माओवादी नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है. पुलिस ने कहा, 'इंडिया गेट पर ऐसे नारे लगाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हम उनके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे.'
#WATCH | Delhi: A group of protesters holds a protest at India Gate over air pollution in Delhi-NCR. They were later removed from the spot by police personnel pic.twitter.com/DBEZTeET0U
— ANI (@ANI) November 23, 2025
माडवी हिडमा कौन था
सुरक्षा बलों और नागरिकों के खिलाफ कम से कम 26 सशस्त्र हमलों के लिए जिम्मेदार हिडमा 18 नवंबर को एक मुठभेड़ में मारा गया था. 1981 में सुकमा में जन्मे हिडमा ने पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की एक बटालियन का नेतृत्व किया और सीपीआई माओवादी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था, केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य बन गया था. वह केंद्रीय समिति में बस्तर क्षेत्र का एकमात्र आदिवासी सदस्य था. हिडमा पर 50 लाख रुपये का इनाम था. हिडमा को कई बड़े माओवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए जाना जाता है, जिसमें 2010 में दंतेवाड़ा में हुआ हमला भी शामिल है. इस हमले में 76 सीआरपीएफ कर्मियों की जान चली गई थी. इसके अलावा 2013 में झीरम घाटी में घात लगाकर हमला हुआ था, जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सहित 27 लोग मारे गए थे. उसने 2021 में सुकमा-बीजापुर में हुए हमले में भी अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें 22 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई थी.
प्रदर्शन में 3 पुलिसवाले घायल
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के विरोध में रविवार शाम बड़ी संख्या में नागरिक दिल्ली के इंडिया गेट पर एकत्रित हुए. हालांकि, प्रदर्शन जल्द ही हिंसक और अराजक हो गया जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों पर चिली स्प्रे से हमला किया, जब उन्हें प्रदर्शन स्थल से हटाया जा रहा था.
अधिकारियों के अनुसार, तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उनका राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में इलाज चल रहा है.

प्रदर्शन में शामिल 22 गिरफ्तार
एक अधिकारी ने कहा, 'कुछ प्रदर्शनकारी सी-हेक्सागन में घुस गए और आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश की. हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि उनके पीछे कई एम्बुलेंस और चिकित्साकर्मी फंसे हुए हैं और उन्हें आपातकालीन पहुंच की आवश्यकता है, लेकिन वे बहुत उत्तेजित हो गए. उन्होंने इनकार कर दिया और बैरिकेड तोड़ दिए. जब हमारी टीमें उन्हें हटाने की कोशिश कर रही थीं, तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने चिली स्प्रे का इस्तेमाल करके पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया.' पुलिस ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि सरकारी काम में बाधा डालने से संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
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