मध्यप्रदेश में खाद की किल्लत से किसानों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. आज गुरुवार को राज्य के अशोकनगर के पिपरोल में खाद की परेशानी का चौंका देने वाला मामला सामने आया है. खाद न मिलने पर एक किसान ने कथित तौर पर जहर पी लिया. जब तक परिजन किसान को जिला अस्पताल लाते और इलाज कराते तब तक उनकी मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि 44 साल के किसान धनपाल यादव ने खाद नहीं मिलने से परेशान होकर आज शाम 8 बजे सल्फास खा ली. जिसके बाद परिजनों ने उन्हें ईसागढ़ अस्पताल में भर्ती कराया. उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया, वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने धनपाल को मृत घोषित कर दिया. मृतक के परिजनों ने बताया कि खाद न मिलने से परेशान होकर धनपाल ने जहर खा लिया जिसके चलते उसकी मौत हो गई .
बता दें कि खाद की कमी को लेकर सरकार लंबे समय से दलीलें देती आ रही है. अधिकारियों का कहना है कि व्यवस्था की जा रही है. लेकिन हकीकत में मध्यप्रदेश में डीएपी की किल्लत को कम समय में दूर करना टेढ़ी खीर सा लगता है. आने वाले दिनों में दिक्कत और बढ़ सकती है. क्योंकि ज्यादातर सहकारी संस्थाओं में खाद नहीं है, वह भी तब जब रबी में गेहूं, चना, मसूर, सरसों की बुवाई होना है. मंगलवार को खाद की मांग को लेकर किसानों ने सागर जिले के बीना में ट्रेन रोक दी, बंडा में कानपुर हाईवे जाम कर दिया और खूब हंगामा मचा. यह हालत इसलिए है क्योंकि राज्य की 3400 सहकारी संस्थाओं में खाद ना के बराबर है. इस महीने केंद्र से 12 रैक यूरिया, 5 रैक डीएपी और 10 रैक एनपीके मिलना हैं.
प्रदेश में 6 लाख मीट्रिक टन यूरिया चाहिए और आवंटन हुआ है 4.99 लाख मीट्रिक टन का. अभी तक मिला है 2.39 लाख मीट्रिक टन. जबकि 4 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, आवंटन हुआ है 2.12 लाख मीट्रिक टन का, मिला है 1.33 लाख मीट्रिक टन. कुछ दिनों पहले कृषि मंत्री रैक को लेकर फिक्रमंद थे, लेकिन शायद रैंप पर चलते हुए. 12 मंत्री, 40 विधायक भी चिंतित हैं उपचुनावों के लिए और मुख्यमंत्री किसानों को धैर्य रखने की सलाह दे रहे हैं.
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