मध्यप्रदेश के खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (SP) की उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन पत्र शुक्रवार को निर्वाचन अधिकारी ने जांच के बाद खारिज कर दिया. इस घटनाक्रम पर सपा ने असंतोष प्रकट किया और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे लोकतंत्र की ‘‘हत्या'' करार दिया और न्यायिक जांच की मांग की.
सपा उम्मीदवार के पति दीप नारायण यादव ने कहा कि मीरा यादव निर्वाचन अधिकारी के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगी.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के सीट बंटवारे के तहत खजुराहो सीट सपा के लिए छोड़ दी थी. इस सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पन्ना जिलाधिकारी एवं निर्वाचन अधिकारी ने मीरा यादव का नामांकन खारिज कर दिया क्योंकि उन्होंने ‘बी फॉर्म' पर हस्ताक्षर नहीं किए थे और 2023 विधानसभा चुनाव मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति संलग्न करने में भी असफल रहीं.
भाजपा ने खजुराहो से निवर्तमान सांसद एवं राज्य इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को मैदान में उतारा है.
मीरा यादव के पति दीप नारायण यादव ने संवाददाताओं से कहा कि वे निर्वाचन अधिकारी के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ जांच के बाद कल फॉर्म का सत्यापन किया गया. नियम है कि अगर कोई विसंगति है तो उसे ठीक कराना निर्वाचन अधिकारी का कर्तव्य है, भले ही उम्मीदवार अनपढ़ हो.''
उन्होंने कहा, ‘‘कल फॉर्म ठीक पाया गया था. आज दो कमियां बताई गईं. पहला, फॉर्म के साथ लगी मतदाता सूची प्रमाणित नहीं है या पुरानी है. दूसरा, हस्ताक्षर दो जगह करने थे, लेकिन एक ही जगह किए गए हैं.'' यादव ने यह भी दावा किया कि उन्हें तीन अप्रैल तक मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति नहीं मिली और इसलिए जो प्रति उपलब्ध थी उसे संलग्न कर दिया.
यादव ने कहा, ‘‘हमने उनसे (कलेक्टर) अनुरोध किया कि हमारे पास अब भी समय है क्योंकि हम तीन बजे (समयसीमा) से पहले आ गए हैं और इसे ठीक किया जा सकता है. उन्हें इसके बारे में हमें कल बताना चाहिए था और हम अब तक यह कर सकते थे.''
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैदान में 15 अन्य उम्मीदवार हैं और ‘‘हम अपने वरिष्ठ नेताओं से परामर्श के बाद उनमें से एक का समर्थन करेंगे.'' उन्होंने बताया कि चुनाव हर हाल में लड़ा जाएगा.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘ खजुराहो सीट से ‘इंडिया' के घटक दल सपा के उम्मीदवार का नामांकन खारिज किया जाना लोकतंत्र की हत्या है.''
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा कहा जा रहा है कि इस (नामांकन फॉर्म) पर हस्ताक्षर नहीं किए गए थे. अधिकारी ने फॉर्म क्यों स्वीकार किया. यह सब सिर्फ बहाने और पराजित भाजपा की हताशा है.''
यादव ने कहा कि इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि किसी उम्मीदवार का नामांकन खारिज करना लोकतंत्र में अपराध है.
सपा ने 30 मार्च को घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद से ताल्लुक रखने वाले मनोज यादव को खजुराहो से टिकट दिया जाएगा लेकिन दो दिन बाद, वीडी शर्मा को टक्कर देने के लिए उनकी जगह स्थानीय चेहरे मीरा यादव को मैदान में उतारा गया.
शर्मा ने 2019 में खजुराहो सीट 4.5 लाख से अधिक मतों से जीती थी.
मीरा यादव ने 2008 में खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के हिस्से, निवारी विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी. उनके पति दीप नारायण सपा के टिकट पर 2007 और 2012 में उत्तर प्रदेश के झांसी के गरौठा से विधायक चुने गए थे. झांसी जिले की सीमा मप्र के निवाड़ी जिले से सटी हुई है. वह सपा की मध्यप्रदेश इकाई के प्रमुख भी रह चुके हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं