मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के गुरुवार को हुए विस्तार में हाल में ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए 'महाराज' ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia) के समर्थक नेताओं का बोलबाला रहा. आज 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई जिसमें 20 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्री हैं. कैबिनेट विस्तार में करीब 11 सिंधिया समर्थक जगह पाने में सफल रहे हैं, इस खेमे के जिन नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली, उनमें इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युमन सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, डॉ. प्रभुराम चौधरी, ओपी एस भदौरिया, सुरेश धाकड़ शामिल हैं. कांग्रेस विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होने वाले निर्दलीय विधायक हरदीप सिंह डंग भी मंत्री पद पाने में सफल रहे हैं.
शिवराज सिंह कैबिनेट में पहले ही शामिल तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत भी सिंधिया खेमे के माने जाते हैं. साफ है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार को 'गिरवाकर' बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए राह बनाने वाले सिंधिया समर्थक नेताओं को उनके काम का 'भरपूर इनाम' मिला है.
सुमावली सीट से पूर्व विधायक एंदल सिंह कसाना ने विधायक पद की शपथ ली. कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री पद नहीं मिल पाने अनूपपुर के कद्दावर नेता कंसाना ने कांग्रेस छोड़ दी थी. कमलनाथ सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष रहे गोपाल भार्गव ने आज सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ग्रहण की, इसके बाद विजय शाह ने मंत्री पद की शपथ ली. ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे भी शिवराज सिंह की सरकार में मंत्री बनाई गई हैं. यशोधरा इससे पहले भी शिवराज की सरकार में मंत्री पद संभाल चुकी हैं. वे शिवपुरी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक हैं.
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