विज्ञापन

कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 48% 'जहर'... पूरे मध्य प्रदेश में किया गया बैन, जब्त होंगी सारी दवाएं

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में कफ सिरप से जिन 11 बच्चों को मौत हुई, उनके परिजनों को 4-4 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी. बीमार बच्चों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी.

  • कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के बाद छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के बाद पूरे मध्य प्रदेश में इसे बैन कर दिया गया है.
  • सीएम मोहन यादव ने जान गंवाने वाले 11 बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख की सहायता देने का ऐलान किया है.
  • चेन्नई लैब में हुई जांच में कफ सिरप में 48.6% डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है, जो एक जहरीला तत्व है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ा रुख अपनाया है. विवादों में आए कोल्ड्रिफ कफ सिरप पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है. मानकों पर खरी न उतरने वाली दवा को छापामारी करके जब्त करने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा है कि दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता और बीमार बच्चों का इलाज कराने की भी घोषणा की है. 

11 बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख की सहायता

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत बहुत दुखद है. कफ सिरप की जांच रिपोर्ट आने पर मध्य प्रदेश में इस सिरप की बिक्री को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. प्रदेश में छापेमारी अभियान चलाकर कोल्ड्रिफ सिरप को जब्त किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंदवाड़ा में इस सिरप के कारण जिन 11 बच्चों को मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी. जो बच्चे बीमार है, उनके इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

सीएम ने कहा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा की घटना सामने आने पर कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सैम्पल जांच के लिए भेजे गये थे. शनिवार सुबह जांच रिपोर्ट में सैंपल अमान्य पाये गये हैं. इसके बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए कोल्ड्रिफ सिरप को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य स्तर पर भी इस मामले में संयुक्त जांच टीम बनाई गई है. दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा.

तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर ने कोल्ड्रिफ सिरप को “नॉट ऑफ़ स्टैंडर्ड क्वालिटी (एनएसक्यू)” घोषित किया है. चेन्नई लैब की रिपोर्ट में इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 48.6% पाई गई है, जो कि एक जहरीला तत्व है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इसके बाद छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौत की घटनाओं में इस दवा की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए राज्य सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं.

कंपनी की बनाई अन्य दवाओं पर भी बैन

नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन डॉ. दिनेश कुमार मौर्य ने बताया कि जनहित को देखते हुए स्रेसन (Sresan) फार्मास्यूटिकल कंपनी की बनाई अन्य सभी दवाओं की बिक्री और प्रयोग भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. इनके सैंपल कानूनी परीक्षण के लिए जुटाए जा रहे हैं. इस दवा को बाहर से प्रदेश में लाने पर भी रोक लगा दी गई है. 

दवाओं को जब्त करने का अभियान

उन्होंने प्रदेश के सभी ड्रग इंस्पेक्टर और सीनियर ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिया है कि इस दवा की बिक्री और डिस्ट्रिब्यूशन तुरंत प्रभाव से बंद कराया जाए. अगर ये दवा उपलब्ध हो तो इसे तुरंत सील किया जाए और उसके सैंपल लैब में जांच के लिए भेजे जाएं. मौर्य ने कहा कि कोल्ड्रिफ सिरप के अगर दूसरे बैच की दवाएं भी उपलब्ध हों तो उन्हें भी सील करके सैंपल परीक्षण के लिए भेजे जाएं. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com