Madhya Pradesh by-election: मध्यप्रदेश में अगले सप्ताह होने वाले कुछ सीटों के उपचुनावों में मुकाबला तगड़ा है. पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के 22 विधायकों के साथ बीजेपी (BJP) में जाने के बाद 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. सिंधिया का यह "विश्वासघात" अब कांग्रेस के लिए चुनावी जुमला है. यह चुनाव तय करेगा कि अगली सरकार किसकी बनेगी. यह मध्य प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ (Kamal Nath) की राजनीतिक पकड़ भी तय करेगा. इसके अलावा यह चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में राजनीतिक कद को भी तय करेगा. यह एक तरह से जनमत संग्रह होगा कि क्या शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कांग्रेस (Congress) के बागियों से हाथ मिलाकर सही काम किया?
कांग्रेस के अनुसार "गद्दारी" कमलनाथ सरकार के पतन का कारण बनी, लेकिन बीजेपी का कहना है कि गद्दार वे नहीं बल्कि कांग्रेस है जिसने अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं करके मध्यप्रदेश की जनता को धोखा दिया है.
मध्यप्रदेश में कमलनाथ कांग्रेस के चुनाव अभियान का चेहरा हैं, जबकि दिग्विजय सिंह पृष्ठभूमि में हैं. दिग्विजय सिंह और सिंधिया के बीच का सत्ता को लेकर टकराव ही वह कारण था, जिसके चलते सिंधिया कांग्रेस छोड़कर चले गए. कमलनाथ को उम्मीद है कि मतदाताओं की सहानुभूति उनके पक्ष में काम करेगी.
कमलनाथ ने एनडीटीवी से कहा, "मुख्य मुद्दा सौदेबाजी है, जिस तरह की राजनीति हुई है, जिस तरह से लोगों ने खुद को नीलाम किया है.. हमने वोटों के साथ सरकार बनाई और बीजेपी ने नोटों के साथ सरकार बनाई."
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन आरोपों पर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने बुधवार को एक चुनावी रैली में कहा "यह भ्रष्टाचार की सरकार थी, जो केवल पैसे के आधार पर काम कर रही थी. उन्होंने वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का केंद्र बना दिया. मुझसे इसके बारे में न पूछें, आप मध्यप्रदेश के लोगों से पूछ सकते हैं. उन्होंने लोगों से किए गए वादों की पूरी अवहेलना की थी."
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी विकास को आगे बढ़ाने में नाकाम रहने के लिए कमलनाथ पर हमला किया. शिवराज ने बुधवार को हुई रैलियों में से एक में कहा, "मैं कमलनाथ नहीं हूं, जो विकास के लिए पैसा नहीं देंगे. मैं आपको अनूपपुर के विकास का आश्वासन देता हूं. कमलनाथ कहते थे कि मामा ने राज्य के खजाने को खाली कर दिया था. लेकिन मैं कहता हूं कि यह औरंगजेब का खजाना नहीं है जिसे खाली किया जा सकता है.”
लेकिन इस चुनाव में "गद्दारी" या ''विश्वासघात'' शब्द का बार-बार जिक्र इस क्षेत्र के इतिहास का भी एक तथ्य है. जिन 28 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें से 16 सीटें इसी क्षेत्र की हैं जो कि सिंधिया का गढ़ कहलाता है.
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