कांग्रेस (Congress) ने तमाम चर्चाओं पर विराम लगाते हुए अमेठी (Amethi Loksabha Seat) और रायबरेली (Raebareli Loksabha Seat) से अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi)अपनी परंपरागत सीट अमेठी की जगह रायबरेली से उम्मीदवार बनाए गए हैं. वहीं अमेठी से कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ता किशोरी लाल शर्मा (Kishori Lal Sharma) को उम्मीदवार बनाया है. साल 2019 के चुनाव में राहुल को अमेठी में भाजपा की स्मृति ईरानी (Smriti Irani)के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. वहीं रायबरेली से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)जीती थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बोला हमला
कांग्रेस के इस कदम की आलोचना की जा रही है. यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है.मोदी ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एक चुनावी रैली में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से डर गए हैं.यही वजह है कि उन्होंने इस बार अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है.उन्होंने कहा कि राहुल से पहले सोनिया गांधी भी डरकर राजस्थान चली गई थीं.
कांग्रेस नेता ने कैसे किया फैसले का बचाव
वहीं कांग्रेस ने अपने इस फैसले का बचाव किया है.इन आलोचनाओं का जवाब कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ''राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय है.लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंझे हुए खिलाड़ी हैं. वे सोच-समझ कर दांव चलते हैं. ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार-विमर्श कर बड़ी रणनीति के तहत लिया है.''
उन्होंने लिखा है,'' इस निर्णय से बीजेपी,उसके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं.बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो 'रंपरागत सीट'की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें? रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है.यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है.''
राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 3, 2024
लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं। और सोच समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार विमर्श करके बड़ी रणनीति के तहत लिया है। इस निर्णय से BJP, उनके…
उन्होंने लिखा है, ''रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है. राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?''
प्रियंका गांधी के लिए की यह भविष्यवाणी
जयराम ने कहा है कि एक बात और साफ है कि कांग्रेस परिवार लाखों कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं उनकी आकांक्षाओं का परिवार है. कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े-बड़ों पर भारी है.कल एक मूर्धन्य पत्रकार अमेठी के किसी कार्यकर्ता से व्यंग में कह रही थीं कि ''आप लोगों का नंबर कब आएगा टिकट मिलने का''? लीजिए, आ गया! कांग्रेस का एक आम कार्यकर्ता अमेठी में भाजपा का भ्रम और दंभ दोनों तोड़ेगा.''
उन्होंने कहा है कि प्रियंका जी धुआंधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी बोलती बंद कर रही हैं. इसीलिए यह ज़रूरी था कि उन्हें सिर्फ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित ना रखा जाए.प्रियंका जी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुंच जाएंगी.
कांग्रेस नेता ने लिखा है, ''आज स्मृति ईरानी की सिर्फ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं. अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई.''
उन्होंने लिखा है, ''अब बजाय व्यर्थ की बयानबाज़ी के, स्मृति ईरानी स्थानीय विकास के बारे में जवाब दें, जो बंद किए अस्पताल, स्टील प्लांट और आईआईआईटी हैं, उसपर जवाब देना होगा.''
रमेश ने कहा है कि शतरंज की कुछ चालें बाकी हैं, थोड़ा इंतजार कीजिए.''
अमेठी और रायबरेली का इतिहास
अमेठी और रायबरेली में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान कराया जाएगा. ये दोनों सीटें दशकों से कांग्रेस का गढ़ रही हैं. साल 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी लोकसभा सीट पर केवल तीन बार ही कोई दूसरा दल जीत पाया है, बाकी बार इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. राहुल के पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी ने भी इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. वहीं राहुल गांधी इस सीट पर तीन बार सांसद चुने गए, लेकिन 2019 में उन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
रायबरेली सीट को भी कांग्रेस की परंपरागत सीट माना जाता है. राहुल की मां सोनिया गांधी ने 2004 से ही इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. लेकिन 2024 के चुनाव की घोषणा से पहले उन्होंने राज्य सभा जाने का फैसला किया. उन्हें राजस्थान से राज्य सभा के लिए चुना गया है.
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