मुकुल रोहतगी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
लोकपाल की नियुक्ति का मामले में मुकुल रोहतगी को नामचीन हस्ती के तौर पर चयन पैनल में शामिल किया गया है. अटॉनी जनरल के के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि 11 मई को हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट दो जुलाई को मामले की सुनवाई करेगा. लोकपाल की नियुक्ति के मामले में अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही लोकपाल की नियुक्ति जल्द करेगी. कोर्ट ने फिलहाल लोकपाल की नियुक्ति को लेकर आदेश जारी करने से इंकार किया था. कोर्ट ने कहा कि फिलहाल कोई आदेश जारी नहीं किए जाएंगे.
केंद्र की ओर से AG के के वेणुगोपाल ने कहा था कि नामचीन हस्ती की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया जारी है. वहीं कॉमन कॉज की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार जानबूझकर नियुक्ति को लटका रही है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि एक मार्च को पीएम, CJI, लोकसभा स्पीकर और LOP की नियुक्ति को लेकर बैठक है. फिलहाल कोई LOP नहीं है को विपक्ष में सबसे बडी पार्टी के नेता को बुलाया गया है. दरअसल कॉमन कॉज संगठन ने अवमानना याचिका दाखिल की है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई है.
27 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की नियुक्ति का मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि लोकपाल एक्ट पर बिना संशोधन के ही काम किया जा सकता है. केंद्र के पास इसका कोई जस्टिफिकेशन नहीं है कि इतने वक्त तक लोकपाल की नियुक्ति को सस्पेंशन में क्यों रखा गया. लोकपाल की नियुक्ति बिना नेता विपक्ष के ही हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट दो जुलाई को मामले की सुनवाई करेगा. लोकपाल की नियुक्ति के मामले में अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही लोकपाल की नियुक्ति जल्द करेगी. कोर्ट ने फिलहाल लोकपाल की नियुक्ति को लेकर आदेश जारी करने से इंकार किया था. कोर्ट ने कहा कि फिलहाल कोई आदेश जारी नहीं किए जाएंगे.
केंद्र की ओर से AG के के वेणुगोपाल ने कहा था कि नामचीन हस्ती की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया जारी है. वहीं कॉमन कॉज की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार जानबूझकर नियुक्ति को लटका रही है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि एक मार्च को पीएम, CJI, लोकसभा स्पीकर और LOP की नियुक्ति को लेकर बैठक है. फिलहाल कोई LOP नहीं है को विपक्ष में सबसे बडी पार्टी के नेता को बुलाया गया है. दरअसल कॉमन कॉज संगठन ने अवमानना याचिका दाखिल की है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई है.
27 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की नियुक्ति का मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि लोकपाल एक्ट पर बिना संशोधन के ही काम किया जा सकता है. केंद्र के पास इसका कोई जस्टिफिकेशन नहीं है कि इतने वक्त तक लोकपाल की नियुक्ति को सस्पेंशन में क्यों रखा गया. लोकपाल की नियुक्ति बिना नेता विपक्ष के ही हो सकती है.
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