BJP की चुनाव घोषणापत्र समिति की हुई पहली बैठक, केंद्र में रहा ‘विकसित भारत’ का एजेंडा

बीजेपी ने लोकसभा चुनावों के लिए शनिवार को 27 सदस्‍यीय घोषणा पत्र समिति गठित की थी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को संयोजक और गोयल को सह-संयोजक बनाया गया है.

BJP की चुनाव घोषणापत्र समिति की हुई पहली बैठक, केंद्र में रहा ‘विकसित भारत’ का एजेंडा

पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए 370 सीटों का लक्ष्य रखा है.

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सोमवार को चुनाव घोषणापत्र समिति की पहली बैठक हुई, जिसके केंद्र में सरकार के ‘विकसित भारत' का एजेंडा और उसकी रूपरेखा रही. आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रमुख वादों पर चर्चा करने के लिए आठ केंद्रीय मंत्रियों और तीन मुख्यमंत्रियों ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बैठक की. बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने की.

बीजेपी ने लोकसभा चुनावों के लिए शनिवार को 27 सदस्‍यीय घोषणा पत्र समिति गठित की थी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को संयोजक और गोयल को सह-संयोजक बनाया गया है. बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पार्टी को अपनी मिस्ड कॉल सेवा के माध्यम से 3.75 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐप (नमो) पर लगभग 1.70 लाख सुझाव मिले हैं.

पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘बैठक में 2047 तक विकसित भारत के खाके पर चर्चा की गई. हमारे घोषणापत्र में लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी प्रधानमंत्री में उनके भरोसे और उनसे उनकी अपेक्षाओं को दर्शाती है.''बीजेपी नेताओं ने कहा कि लोगों से प्राप्त सभी सुझावों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाएगा और फिर समिति की अगली बैठक उनपर विचार विमर्श करके छांटा जाएगा.

मोदी द्वारा गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को लगातार रेखांकित किए जाने के साथ सत्तारूढ़ पार्टी उनसे जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दे सकती है. समिति के सह-संयोजक गोयल ने कहा कि देश के 3,500 विधानसभा क्षेत्रों में 916 वीडियो वैन भी चलाई गईं, जो लोगों तक पहुंची और घोषणापत्र के लिए उनके विचार मांगे.

समिति में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी और राजीव चंद्रशेखर के अलावा पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कुछ पूर्व उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं. मुख्यमंत्रियों में गुजरात के भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के मोहन यादव, असम के हिमंत विश्व शर्मा और छत्तीसगढ़ के विष्णु देव साय के नाम हैं. जबकि पूर्व मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के नाम हैं.

समिति के अन्य सदस्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, राधामोहन दास अग्रवाल, राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, ओपी धनखड़, अनिल एंटनी शामिल हैं.

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भी भाजपा की घोषणा पत्र समिति के प्रमुख थे. उस समिति के कई सदस्यों को मौजूदा समिति में फिर से जगह दी गई है.

भाजपा ने पिछले माह ही लोकसभा चुनावों के लिए अपने घोषणा पत्र को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पिछले महीने 'विकसित भारत मोदी की गारंटी' वीडियो वाहन को हरी झंडी दिखाई थी. इसके जरिए पार्टी लोगों के सुझाव लेगी और जो उसे उपयुक्त लगेगा उसे घोषणा पत्र में समाहित करेगी.

बीजेपी अपने घोषणा पत्र को ‘संकल्प पत्र' कहती है. सूत्रों के मुताबिक, 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से पहले पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है. कई दशकों में यह पहली बार है कि बीजेपी के कुछ प्रमुख वैचारिक वादों का अपने चुनावी घोषणापत्र में उल्लेख नहीं होगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अपने दूसरे कार्यकाल में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राम मंदिर के निर्माण के साथ दो प्रमुख वैचारिक वादे पूरे किए जा चुके हैं. कुछ राज्यों में भाजपा की सरकारें समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए भी काम कर रही हैं. अनुच्छेद 370 और राम मंदिर निर्माण के साथ ही समान नागरिक संहिता भी बीजेपी का प्रमुख वैचारिक मुद्दा रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी अक्सर इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनके तीसरे कार्यकाल में बड़े फैसले लिये जाएंगे. उन्होंने आज भी एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में जो हुआ वह तो सिर्फ ट्रेलर है. अभी तो देश को बहुत आगे लेकर जाना है, विकसित भारत बनाना है.'' ऐसे में घोषणा पत्र को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है.

लोकसभा चुनाव, सात चरणों में, 19 अप्रैल से एक जून के बीच होने हैं.

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