भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए जारी कांग्रेस के घोषणा पत्र को 'मुस्लिम लीग की छाप' और 'झूठ का पुलिंदा' बताकर तंज कसा है. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भाजपा को पता है कि वो ये चुनाव हारने वाली है, इसीलिए डर से वो इस तरह की अनर्गल बात कर रही है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की है.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शनिवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में 'मुस्लिम लीग की झलक दिखती है'.
प्रधानमंत्री ने आज सुबह छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक रैली में उस दावे को दोहराया. इसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, "कांग्रेस को बार-बार खारिज किया गया है, लेकिन वे तुष्टिकरण की राजनीति पर जोर दे रहे हैं. मैंने घोषणा पत्र देखा और आश्चर्यचकित रह गया. क्या ये उनका घोषणा पत्र है या मुस्लिम लीग का..."
इसके कुछ घंटों बाद कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ और केरल के तिरुवनंतपुरम से भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ चुनावी हलफनामे में 'गलत जानकारी' देने के लिए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई.
वहीं 'मुस्लिम लीग की छाप' के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तीखी प्रतिक्रिया दी और झूठ फैलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा.
भाजपा (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर हमला करते हुए खरगे ने कहा, ''हर कोई जानता है कि कैसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1940 के दशक में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में बंगाल, सिंध और एनडब्ल्यूएफपी (उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत) में अपनी सरकारें बनाईं."
खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, "मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था. मोदी-शाह के वैचारिक पूर्वजों ने 1942 में गांधी के भारत छोड़ो आह्वान का विरोध किया था, जिसकी अध्यक्षता मौलाना आज़ाद ने की थी. मोदी जी के भाषणों में आरएसएस की गंध है. बीजेपी का चुनावी ग्राफ दिन-ब-दिन गिर रहा है. इसलिए आरएसएस को अपना सर्वश्रेष्ठ मित्र मुस्लिम लीग याद आने लगा है."
Modi-Shah's political and ideological ancestors supported the British and Muslim League against the Indians in the Freedom Struggle.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 8, 2024
Even today, they are invoking the Muslim League against the 'Congress Nyay Patra' guided and shaped according to the aspirations, needs and…
इससे पहले भी पीएम के शुरुआती तंज के बाद कांग्रेस ने कहा था कि वो 'अपना इतिहास नहीं जानते.'
कांग्रेस ने बताया कि जनसंघ के संस्थापक और भाजपा विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी खुद 1940 के दशक की शुरुआत में मुस्लिम लीग के साथ बंगाल में गठबंधन सरकार का हिस्सा थे.
शुक्रवार को जारी कांग्रेस के घोषणापत्र का वो हिस्सा, जिसने इस विवाद को जन्म दिया है, वो 'उच्चतम न्यायालय की 50 प्रतिशत की सीमा से परे, दलितों और हाशिए पर रहने वाले समूहों के लिए आरक्षण बढ़ाने की गारंटी है.'
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, "मुस्लिम लीग ने 1929 में धर्म के आधार पर आरक्षण की बात की थी. कांग्रेस भी वही बात दोहरा रही है. जिस तरह से धर्म के आधार पर आरक्षण की बात हो रही है और 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण का वादा किया जा रहा है, इससे किसको फायदा होना है , कांग्रेस को ये स्पष्ट करना चाहिए."
कांग्रेस के घोषणा पत्र में रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास के वादे
कांग्रेस का घोषणा पत्र रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी केंद्रित है. साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने और गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिला प्रमुखों को सीधे नकद हस्तांतरण सहित कई अन्य वादे भी हैं.
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