
- चिराग पासवान ने इटावा में यादव कथावाचक के साथ दुर्व्यहार की निंदा की.
- उन्होंने कहा कि धर्म का ज्ञान रखने वाला कोई भी व्यक्ति कथावाचन कर सकता है.
- धर्म और राजनीति, जाति और धर्म जैसे विषयों में घालमेल को उन्होंने गलत बताया.
- चिराग ने कहा- 'सभी धर्म हमें आजादी देते हैं, धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए हर कोई स्वतंत्र है.
लोजपा प्रमुख और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव जाति के कथावाचक के साथ दुर्व्यवहार मामले की घोर निंदा की है. NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि किसी भी जाति का व्यक्ति, जिसे धर्म का ज्ञान हो, जानकारी हो, वो कथा कर सकता है. उन्होंने कहा, 'इटावा में कथावाचक के साथ जो व्यवहार हुआ, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं. ऐसा नहीं होना चाहिए था. ये किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा.'
चिराग ने कहा, 'धर्म में जाति, राजनीति में जाति, राजनीति में धर्म... ये सब ऐसे विषय हैं, जिनका आपस में घालमेल नहीं होना चाहिए. हर धर्म ये स्वतंत्रता देता है कि जिन्हें भी धर्म का ज्ञान हो, वे प्रचार-प्रसार कर सकते हैं. अगर इसमें कोई जाति-पांति देखता है तो ये बिल्कुल गलत है.'
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— NDTV India (@ndtvindia) June 30, 2025
चिराग पासवान ने कहा, 'धर्म ऐसा विषय है, जिस पर हर जानकार आदमी अपनी बात रख सकता है. ये स्वतंत्रता हर धर्म देता है.' कथावाचक के साथ दुर्व्यवहार को उन्होंने पूरी तरह गलत बताया. उन्होंने कहा, 'समाज में कुछ असमाजिक तत्व है, जो माहौल खराब करते हैं उसका विरोध जरूरी है.'
'संविधान सर्वोपरि, उससे ऊपर कुछ नहीं'
मनुस्मृति से जुड़े एक सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि संविधान सर्वोपरि है. उन्होंने कहा, 'मनुस्मृति कभी संविधान के समकक्ष नहीं हो सकता. संविधान सबसे ऊपर है, उससे ऊपर कुछ नहीं. ये देश, ये लोकतंत्र संविधान से चल रहा है. न कि किसी और ग्रंथ या दस्तावेज से.' उन्होंने कहा, 'भारत का संविधान आजादी देता है. वहीं उन्होंने कहा कि ये देश संविधान से चलेगा वो ही सबसे ऊपर है.'
'मैं यकीनन, बिहार जाना चाहता हूं'
चिराग ने कहा कि बीजेपी ने कई बार ये आजमाया है कि मंत्रियों को चुनाव में उतारा और इसका फायदा उन्हें मिला. उन्होंने कहा, 'मैं भी यकीनन तौर पर बिहार जाना चाहता हूं. मेरे चुनाव लड़ने से कौन-सा समीकरण खराब हुआ है? पिछली बार जब लड़ा, तब स्थिति अलग थी, इसलिए मैंने एनडीए से बाहर रहना स्वीकारा. पार्टी को 6 प्रतिशत वोट मिले. आज जब मैं गठबंधन के साथ हूं, मुझे नहीं लगता है मेरे चुनाव से किसी का कोई समीकरण बिगड़ेगा.'
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