ताइवान संकट पर भारत ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. ताइवान संकट के बाद भारत ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में शुक्रवार को कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत भी हालिया घटनाक्रम को लेकर चिंतित है तथा क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने वाली एकतरफा कार्रवाई करने से दूर रहने का आह्वान करता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में ताइवान के मुद्दे पर पूछे गए सवालों पर कहा कि हम संयम बरतने और क्षेत्र में तनाव घटाने और शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने के प्रयास करने की अपील करते हैं. 'वन चाइना' पर पूछे गए एक अन्य सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में हमारी नीति साफ है और इस बारे में फिर से बोलते की जरूरत नहीं है. गौरतलब है कि क़रीब 15 साल से 'वन चाइना' की बात पर भारत ने कुछ नहीं कहा है और अभी भी सीधा जवाब देने से प्रवक्ता बचे.
गौरतलब है कि अमेरिका की प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की हाल की ताइवान यात्रा से खफा चीन ने अमेरिकी राजदूत को तलब कर मामले पर कड़ा विरोध व्यक्त किया था.पेलोसी की यात्रा पर रोष व्यक्त करते हुए चीन ने ताइवान के हवाई क्षेत्र के पास कई चीनी लड़ाकू विमान उड़ाए और ताइवान जलडमरूमध्य में सैन्य अभ्यास किया है. चीन ने आगाह किया है कि अमेरिका को उसकी गलतियों की कीमत चुकानी होगी. इस बारे में प्रश्न पूछने पर बागची ने कहा, ‘‘कई अन्य देशों की तरह भारत भी हालिया घटनाक्रम को लेकर चिंतित है.''उन्होंने कहा कि हम क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने वाली एकतरफा कार्रवाई करने से दूर रहने व संयम बरतने का अनुरोध करते है. (भाषा से भी इनपुट)
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