आइए समझें अंतर भूमि अधिग्रहण कानून 2014 और मोदी सरकार के अध्यादेश में

नई दिल्ली:

पहला बिंदू : 2013 का क़ानून : निजी प्रोजेक्ट के लिए 80%, PPP के लिए 70% लोगों की सहमति ज़रूरी   

2014 का अध्यादेश : रक्षा उत्पादन, ग्रामीण इन्फ़्रा, औद्योगिक कॉरीडोर के लिए सहमति ज़रूरी नहीं

दूसरा बिंदू : 2013 का क़ानून : हर अधिग्रहण से पहले सामाजिक प्रभाव का आकलन ज़रूरी

2014 का अध्यादेश : राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, ग्रामीण इंफ्रा, औद्योगिक कॉरीडोर के लिए ज़रूरी नहीं

तिसरा बिंदू : 2013 का क़ानून : बहु-फसली और उपजाऊ ज़मीन का विशेष परिस्थिति में ही अधिग्रहण

2014 का अध्यादेश : राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, ग्रामीण इंफ्रा के लिए उपजाऊ ज़मीन का अधिग्रहण

चौथा बिंदू : 2013 का क़ानून : ग्राणीण भूमि का मुआवज़ा बाज़ार से 4 गुना, शहरी ज़मीन का 2 गुना

2014 का अध्यादेश : कोई बदलाव नहीं

पांचवा बिंदू : 2013 का क़ानून : 5 साल में प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुए तो ज़मीन किसानों को वापस

2014 का अध्यादेश : अधिग्रहण के बाद प्रोजेक्ट शुरू करने की कोई समयसीमा नहीं

छठा बिंदू : 2013 का क़ानून : किसी नियम की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर क़ानूनी कार्रवाई

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2014 का अध्यादेश : संबंधित अधिकारी कार्रवाई के दायरे से बाहर, बिना इजाज़त केस नहीं