पटना:
बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन को उस वक्त करारा झटका लगा जब राज्य विधान परिषद की 24 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए ने 12 सीटों पर कब्जा जमा लिया। विधान परिषद चुनाव के नतीजे घोषित किए गए।
राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन, जो 10 सीटें जीतने में कामयाब रहा, को मात देते हुए भाजपा ने 11 सीटों पर जीत हासिल की जबकि उसकी सहयोगी पार्टी लोजपा को एक सीट से संतोष करना पड़ा। चुनाव आयोग ने 24 में से 23 सीटों के नतीजे घोषित किए हैं। बेगूसराय सीट का नतीजा घोषित होना बाकी है।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा उम्मीदवार रजनीश कुमार को बेगूसराय सीट पर जीत हासिल हुई है, लेकिन परिणाम इसलिए घोषित नहीं किया गया क्योंकि मतों की फिर से गिनती की जा रही है।
सत्ताधारी जदयू ने पांच सीटें जीती जबकि उसकी सहयोगी पार्टी राजद को चार सीटें मिली। कांग्रेस को एक सीट से संतोष करना पड़ा है।
बेउर जेल में बंद निर्दलीय उम्मीदवार रीतलाल यादव ने पटना सीट से जीत दर्ज की। एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार अशोक कुमार अग्रवाल को कटिहार सीट पर सफलता मिली है।
विधान परिषद चुनाव के नतीजे राजद, जदयू और कांग्रेस की कोशिशों को जबर्दस्त झटका है। इन तीनों पार्टियों ने भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को मात देने के लिए साथ आने का फैसला किया था।
विधान परिषद की 24 सीटों में से 13 पहले जदयू के खाते में थी, जबकि पांच भाजपा, तीन राजद और तीन निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में थी।
धर्मनिरपेक्ष गठबंधन में सीटों के बंटवारे के मुताबिक जदयू और राजद ने 10-10 उम्मीदवार उतारे थे जबकि कांग्रेस ने तीन और राकांपा ने एक उम्मीदवार उतारे थे। एनडीए में भाजपा ने 18, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोजपा ने चार जबकि केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा ने दो सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे।
भाजपा की सहयोगी रालोसपा ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक पर भी उसे सफलता नहीं मिली। शरद पवार की राकांपा ने कटिहार सीट से अपना उम्मीदवार उतारा था लेकिन उसे भी हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा ने दावा किया कि चुनाव के नतीजे जदयू सरकार और खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों के गुस्से का इजहार है। बहरहाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव के नतीजे लोगों की राय को नहीं दर्शाते क्योंकि इसमें वोटरों की बहुत सीमित संख्या ने हिस्सेदारी की थी।
इधर, इस परिणाम से उत्साहित भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा, 'यह तो ट्रेलर मात्र है अभी तो पूरी फिल्म बाकी है। हम सत्ता का सेमीफाइनल जीते हैं, फाइनल भी जीतेंगे।' उन्होंने कहा कि यह चुनाव परिणाम आगे के विधानसभा चुनाव के लिए संदेश है कि अब बिहार की जनता किसी हाल में 'जंगलराज' की वापसी नहीं चाहती।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद कितना भी बड़ा गठबंधन बना लें, जनता उन्हें नकार चुकी है।
जद (यू) के महासचिव क़े सी़ त्यागी ने इस चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यह नतीजे 'आई ओपनिंग' है। गठबंधन में शामिल सभी दलों को समीक्षा करनी चाहिए कि आखिर हमसे कहां चूक हो गई।' जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा, 'हम जिस सीट पर उम्मीद करते थे उस पर भी हम हार गए, यह विचारणीय सवाल है।'
राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन, जो 10 सीटें जीतने में कामयाब रहा, को मात देते हुए भाजपा ने 11 सीटों पर जीत हासिल की जबकि उसकी सहयोगी पार्टी लोजपा को एक सीट से संतोष करना पड़ा। चुनाव आयोग ने 24 में से 23 सीटों के नतीजे घोषित किए हैं। बेगूसराय सीट का नतीजा घोषित होना बाकी है।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा उम्मीदवार रजनीश कुमार को बेगूसराय सीट पर जीत हासिल हुई है, लेकिन परिणाम इसलिए घोषित नहीं किया गया क्योंकि मतों की फिर से गिनती की जा रही है।
सत्ताधारी जदयू ने पांच सीटें जीती जबकि उसकी सहयोगी पार्टी राजद को चार सीटें मिली। कांग्रेस को एक सीट से संतोष करना पड़ा है।
बेउर जेल में बंद निर्दलीय उम्मीदवार रीतलाल यादव ने पटना सीट से जीत दर्ज की। एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार अशोक कुमार अग्रवाल को कटिहार सीट पर सफलता मिली है।
विधान परिषद चुनाव के नतीजे राजद, जदयू और कांग्रेस की कोशिशों को जबर्दस्त झटका है। इन तीनों पार्टियों ने भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को मात देने के लिए साथ आने का फैसला किया था।
विधान परिषद की 24 सीटों में से 13 पहले जदयू के खाते में थी, जबकि पांच भाजपा, तीन राजद और तीन निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में थी।
धर्मनिरपेक्ष गठबंधन में सीटों के बंटवारे के मुताबिक जदयू और राजद ने 10-10 उम्मीदवार उतारे थे जबकि कांग्रेस ने तीन और राकांपा ने एक उम्मीदवार उतारे थे। एनडीए में भाजपा ने 18, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोजपा ने चार जबकि केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा ने दो सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे।
भाजपा की सहयोगी रालोसपा ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक पर भी उसे सफलता नहीं मिली। शरद पवार की राकांपा ने कटिहार सीट से अपना उम्मीदवार उतारा था लेकिन उसे भी हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा ने दावा किया कि चुनाव के नतीजे जदयू सरकार और खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों के गुस्से का इजहार है। बहरहाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव के नतीजे लोगों की राय को नहीं दर्शाते क्योंकि इसमें वोटरों की बहुत सीमित संख्या ने हिस्सेदारी की थी।
इधर, इस परिणाम से उत्साहित भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा, 'यह तो ट्रेलर मात्र है अभी तो पूरी फिल्म बाकी है। हम सत्ता का सेमीफाइनल जीते हैं, फाइनल भी जीतेंगे।' उन्होंने कहा कि यह चुनाव परिणाम आगे के विधानसभा चुनाव के लिए संदेश है कि अब बिहार की जनता किसी हाल में 'जंगलराज' की वापसी नहीं चाहती।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद कितना भी बड़ा गठबंधन बना लें, जनता उन्हें नकार चुकी है।
जद (यू) के महासचिव क़े सी़ त्यागी ने इस चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यह नतीजे 'आई ओपनिंग' है। गठबंधन में शामिल सभी दलों को समीक्षा करनी चाहिए कि आखिर हमसे कहां चूक हो गई।' जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा, 'हम जिस सीट पर उम्मीद करते थे उस पर भी हम हार गए, यह विचारणीय सवाल है।'