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This Article is From Jun 04, 2014

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में खलल के लिए लश्कर ने रची थी खतरनाक साजिश

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में खलल के लिए लश्कर ने रची थी खतरनाक साजिश
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले लश्कर-ए-तैयबा अफगानिस्तान के हेरात में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को बंधक बनाना चाहता था ताकि इस समारोह में खलल पैदा हो सके। इस हमले को लश्कर के सबसे ट्रेंड आतंकियों ने अंजाम दिया। आतंकियों के पास डुअल सिम सेल फोन के साथ ही कई अखबारों और काबुल में भारत की एंबेसी के नंबर भी थे।

सुरक्षा अधिकारी हमला करने की योजना, तरीके और मारे गए आतंकियों से मिले सामान की जांच के आधार पर इस नतीजे पर पहुंचे हैं। हालांकि लश्कर अपने इस प्लान में नाकाम हो गया और हमला करने वाले सभी आतंकियों को मार गिराया गया।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने इस बात की पुष्टि की थी कि हेरात में भारतीय दूतावास पर हमले के पीछे पाकिस्तान आधारित आतंकी समूह का हाथ है।

इससे पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अफगानिस्तान के हेरात प्रांत का दौरा किया था और पिछले हफ्ते हमले का शिकार हुए वहां के भारतीय वाणिज्य-दूतावास की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी ।

जाता ने भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस के सुरक्षाकर्मियों सहित उन सभी बहादुर कर्मचारियों से मुलाकात की, जिन्होंने 23 मई को हुए हमले का डटकर मुकाबला किया। इस हमले में शामिल सभी चार आतंकवादियों को मार गिराया गया था।

अफगानिस्तान के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में स्थित हेरात काबुल से 800 किलोमीटर दूर है।

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