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हाफिज सईद की पहलगाम हमले में भूमिका, जानिए सुरक्षा एजेंसियों को अब तक क्या पता चला

Hafiz Saeed's Role Revealed In Pahalgam Terror Attack: 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद से सबसे घातक हमलों में से एक इस आतंकवादी हमले ने पाकिस्तान के खिलाफ सरकार की ओर से हाई लेवल  कूटनीतिक और सिक्योरिटी से संबंधित जवाब दिए जा रहे हैं.

हाफिज सईद की पहलगाम हमले में भूमिका, जानिए सुरक्षा एजेंसियों को अब तक क्या पता चला
Pahalgam Terror Attack: हाफिद सईद की भूमिका पहलगाम हमले में भी पता चली है.

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम के पास बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमला प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी संगठन से संबद्ध एक ग्रुप ने किया था. इसमें अधिकतर विदेशी आतंकवादी शामिल थे, जिन्हें स्थानीय आतंकवादियों, घाटी में इनके एक्टिव स्लीपर सेल से मदद मिली. पता चला है कि ये सभी 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर प्रमुख हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के सीधे संपर्क में थे.

पहलगाम हमले में हाशिम मूसा का भी नाम

सूत्रों के अनुसार, यह विशेष मॉड्यूल कश्मीर घाटी में लंबे समय से एक्टिव है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना ​​है कि यह ग्रुप सोनमर्ग, बूटा पथरी और गंदेरबल सहित पूरे क्षेत्र में कई हाई-प्रोफाइल हमलों के पीछे है. अक्टूबर 2024 में, बूटा पथरी में एक आतंकी हमले में भारतीय सेना के दो जवानों सहित चार लोग मारे गए थे. उसी महीने, सोनमर्ग में सुरंग निर्माण श्रमिकों पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें छह मजदूरों और एक डॉक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पहलगाम हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में से एक हाशिम मूसा को इस हमले का संदिग्ध माना जा रहा है.

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जुनैद की तस्वीर

सोनमर्ग हत्याकांड के बाद, मॉड्यूल का एक प्रमुख व्यक्ति, कुलगाम का ए+ श्रेणी का लश्कर आतंकवादी जुनैद अहमद भट्ट, दिसंबर 2024 में दाचीगाम में एक मुठभेड़ में मारा गया. समूह के अन्य सदस्य भागने में सफल रहे, और पास के जंगली इलाकों में तितर-बितर हो गए. किसी बड़े हमले के बाद, ये आतंकवादी आमतौर पर भूमिगत हो जाते हैं, घने जंगलों में छिपते हैं, जब तक कि उन्हें पाकिस्तान में अपने आकाओं से नए आदेश नहीं मिलते.

हाफिज सईद का पहलगाम हमले में क्या रोल

इस मॉड्यूल को कथित तौर पर सीधे तौर पर लश्कर प्रमुख हाफिज सईद और उसके डिप्टी सैफुल्लाह द्वारा नियंत्रित किया जाता है, माना जाता है कि दोनों ही पाकिस्तान से काम कर रहे हैं. भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि मॉड्यूल को न केवल वैचारिक बल्कि पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से रसद और सामरिक मार्गदर्शन भी मिलता है.

इस समूह में अधिकांश विदेशी लड़ाके शामिल हैं, लेकिन इसमें कश्मीर के कई स्थानीय लोग और ओवरग्राउंड वर्कर भी शामिल हैं, जो इसे समर्थन और कवर प्रदान करते हैं.

पहलगाम हमले में, आतंकवादियों ने बैसरन घाटी के भीतर तीन अलग-अलग स्थानों पर हमला किया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक स्थान पर एक साथ पांच लोगों की हत्या की गई, दो को खुले मैदान में गोली मारी गई, और अन्य को घाटी के चारों ओर बाड़ के पास निशाना बनाया गया. जो लोग बाड़ को फांदकर भागने में सफल रहे, उन्हें बख्श दिया गया. बचे हुए लोगों ने कहा है कि हमलावरों ने गोलीबारी शुरू करने से पहले उनसे संक्षिप्त बातचीत भी की.

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पहलगाम हमले के आतंकवादियों के स्केच

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को पहलगाम हमले से जुड़े तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए. इनमें से दो पाकिस्तानी नागरिक हैं: हाशिम मूसा उर्फ ​​सुलेमान और अली भाई उर्फ ​​तल्हा. तीसरा, अब्दुल हुसैन थोकर, कश्मीर के अनंतनाग का निवासी है. पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए विश्वसनीय जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है. सुरक्षा बलों ने गुरुवार को पास के जंगलों में मॉड्यूल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक ठिकाने का भी पता लगाया है.

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