
- आजम खान 23 महीने जेल में रहने के बाद सीतापुर जेल से रिहा हो रहे हैं, जिन पर 100 से अधिक मुकदमे हैं.
- आजम खान पर जमीन हड़पने, सरकारी संपत्ति पर कब्जा और चुनावी फर्जीवाड़े समेत कई गंभीर आरोप दर्ज हैं.
- 2019 में नफरत भरे भाषण के कारण आजम खान को दोषी ठहराया गया और उनकी विधानसभा सदस्यता भी चली गई.
आजम खान आखिरकार यूपी की सीतापुर जेल से बाहर आ रहे हैं. जमीन हड़पने से लेकर बकरी चोरी तक, आजम खान पर 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं, जिन्हें लेकर वह पिछले 23 महीनों से सलाखों के पीछे थे. इन मामलों में जमानत के लिए आजम खान को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. लंबे समय से कानूनी दांव-पेंचों में फंसे आजम खान को भले ही पहले ही कई मामलों में जमानत मिल चुकी थी, लेकिन प्रक्रिया में देरी के चलते वह जेल से बाहर नहीं आ पा रहे थे. आजम खान की रिहाई से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह है. उनके समर्थकों ने रिहाई के बाद स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं, परिवार के सदस्य भी सीतापुर पहुंच चुके हैं. लेकिन इस बीच ये भी कहा जा रहा है कि आजम खान अब समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं.
आजम खान पर 100 से ज़्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से ज़्यादातर मामले 2017 में यूपी में बीजेपी सरकार आने के बाद दर्ज किए गए हैं, जब उन्होंने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय से जुड़े मामलों की जांच शुरू की थी. आजम खान को लगभग 72 मामलों में जमानत मिल चुकी है.

आजम खान पर दर्ज प्रमुख मामले
जमीन हड़पने के मामले
जौहर विश्वविद्यालय का मामला: आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए जमीन खरीदते समय जबरन किसानों की जमीनें हड़पीं.
शत्रु संपत्ति का मामला: यह एक बहुत ही चर्चित मामला है. उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी शत्रु संपत्ति पर भी अवैध रूप से कब्जा किया. इस मामले में उन्हें और उनके परिवार को सजा भी हुई.
डूंगरपुर प्रकरण: आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर में गरीबों के लिए बने आसरा आवास के लिए जमीन पर अवैध कब्जा किया और लोगों के मकान जबरन तोड़े. इस मामले में भी उन पर कई मुकदमे दर्ज हैं.
जन्म प्रमाण पत्र का मामला
आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम पर दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप है. आरोप है कि अब्दुल्ला आजम ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करके चुनाव लड़ा था. इस मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था और सजा सुनाई गई थी, जिसके कारण अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई थी.
भड़काऊ भाषण का आरोप
आजम खान अपने बयानों के लिए अक्सर विवादों में रहे हैं. उन पर कई बार भड़काऊ भाषण देने और चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप भी हैं. 2019 में आजम खान पर पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ नफरती भाषण देने का आरोप लगा. 2022 में रामपुर की एक स्पेशल अदालत ने हेट स्पीच के मामले में आजम खान को दोषी पाया और विधानसभा की उनकी सदस्यता भी चली गई.

बकरी-भैंस चोरी का भी मामला
आजम खान उन पर 'क्वालिटी बार' की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप है, जिसमें हाल ही में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है. सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी, लूटपाट, और अन्य गंभीर धाराओं के तहत भी उन पर मामले दर्ज हैं. एक बहुत ही अजीब मामला उनकी भैंस चोरी होने का भी है, जिसमें उन्होंने पुलिस पर भैंस चोरी का मामला दर्ज करवाया था. इसके अलावा उन पर बकरी चुराने, सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी करने और अन्य कई तरह के आरोप हैं.
आजम 'एंपायर' का 2019 में शुरू हुआ पतन
आजम खान अपने तेर-तरार्र बयानों के लिए जाने जाते हैं. उनके बयान मीडिया की सुर्खियां हुआ करते थे. लेकिन उनकी यही बयानबाजी उन पर भारी पड़ी. 2019 में आजम खान के पतन की शुरुआत हुई, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नफरती भाषण दिया. इस मामले में साल 2022 में रामपुर की एक स्पेशल कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में आजम खान को दोषी पाया और विधानसभा की उनकी सदस्यता भी चली गई. इस सीट पर विधानसभा के उपचुनाव हुए, तो बीजेपी के आकाश सक्सेना ने सपा के असीम रजा को मात दी, तो रामपुर में आजम एंपायर का पतन शुरू हो गया. कुछ महीने बाद फरवरी 2023 में मुरादाबाद की एक अदालत ने 15 साल पुराने मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को दो साल जेल की सजा सुनाई. इसके बाद अब्दुल्ला की सदस्यता भी चली गई.

आजम एंड फैमिली पर लगभग 200 केस दर्ज
आजम खान की मुश्किलें साल 2017 से शुरू हो गई थीं, जब यूपी में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई थी. आजम खान के खिलाफ 93 मामले सिर्फ रामपुर में दर्ज हैं. आजम खान के खिलाफ कुल 104 केस दर्ज हैं. इसके अलावा आजम खान के बड़े बेटे अदीब आजम के खिलाफ 20 से अधिक मामले दर्ज हैं, और उनके छोटे बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ करीब 40 मामले दर्ज हैं. वहीं आजम खान की पत्नी 30 मामलों में आरोपी हैं.
आजम खान 23 महीनों से सीतापुर जेल में बंद हैं. उन्हें अलग-अलग मामलों में जमानत मिल रही है, लेकिन नए आरोप पत्र या अन्य कानूनी जटिलताओं के कारण उनकी रिहाई में देरी हुई. उनके कई मामले अभी भी विचाराधीन हैं, जिनमें सुनवाई चल रही है. कुछ मामलों में उन्हें बरी भी किया गया है, जैसे मुरादाबाद में 17 साल पुराने एक मामले में उन्हें हाल ही में बरी किया गया था. आजम खान की कानूनी लड़ाई एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें एक साथ कई अदालतों में सुनवाई चल रही है.
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