महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में फर्जी कोरोना रिपोर्ट (Ahmadnagar fake corona report) देने वाली एक लैब का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस केस दर्ज कर इस फर्जीवाड़े की जांच में जुट गई है. लैब की यह कारस्तानी पकड़ में न आती अगर पिता को खोने वाले अशोक खोखराले ने सतर्कता न दिखाई होती. अशोक के 79 साल के पिता बबन खोखराले की हाल ही में अहमदनगर के एक अस्पताल में मौत हो गई. उनके पिता की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन अशोक ने पाया कि जांच रिपोर्ट में जो UID और सैंपल नंबर था, वही तमाम अन्य लोगों को दी गई कोरोना टेस्ट रिपोर्ट में भी था. इसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
जबकि एक ही सैंपल नंबर के दो रिपोर्ट नहीं होती हैं. इन्होंने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई. अशोक ने कहा कि संदेह होने पर जब उन्होंने पिताजी की रिपोर्ट का अन्य लोगों की रिपोर्ट से मिलान कराय तो पाया कि केवल नाम और उम्र छोड़ सब कुछ एक जैसा था. उन्होंने इसे अस्पताल और कृष्ण लैब की मिलीभगत बताया और फर्जी रिपोर्ट की शिकायत के साथ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. अस्पताल प्रशासन ने भी जांच में पाया है कि बबन खोखराले का सैंपल कभी लैब तक पहुंचा ही नहीं और लैब के कुछ कर्मचारी फर्जी रिपोर्ट बनाकर दे रहे थे.
विखे पाटिल मेमोरियल फाउंडेशन के उप संचालक डॉ अभिजीत दिवटे ने कहा कि जब लैब ने आंतरिक जांच की तो पता चला कि ऐसे किसी मरीज का सैंपल आया ही नही था. किसी दूसरे के रिपोर्ट में नाम बदलकर यह खेल किया जा रहा था. लैब ने भी दो कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है.अहमदनगर के MIDC पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक मोहन बोरसे ने कहा कि लैब के मालिक और कर्मचारियों से भी बात की जा रही है और जल्द ही मामले में कार्रवाई की जाएगी.
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