
जवाहरलाल नेहरू विश्ववविद्याय यानी JNU के कुलपति को अब कुलगुरु के नाम से जाना जाएगा. JNU ने अपने शैक्षणिक दस्तावेज और औपचारिक पत्राचार में भी कुलपति की जगह कुलगुरु शब्द का उपयगो करने का फैसला किया है. आपको बता दें कि कुलपति को कुलगुरु कहे जाने का प्रस्ताव प्रो. शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने बीते दिनों कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा था. उनका मानना है कि कुलगुरु शब्द संस्कृत में अधिक सटीक और अर्थपूर्ण है.
#WATCH | Pune, Maharashtra: Jawaharlal Nehru University (JNU) has decided to replace the word 'Kulpati' with 'Kulguru' in a gender-inclusive move
— ANI (@ANI) June 3, 2025
JNU Vice-Chancellor Prof Santishree Dhulipudi Pandit says, "Kulguru is gender neutral. Guru is the correct term for an academic head,… pic.twitter.com/zvJGaAvbZ1
उन्होंने कहा कि कुलगुरु कहा जाना लिंग-निरपेक्ष है. गुरु एक अकादमिक प्रमुख के लिए सही शब्द है. और यह सभी भारतीय भाषाओं में भी है. जबकि पति शब्द कई चीजों को दर्शाता है. यही कारण है कि मुझे लगा कि कुलगुर ज्यादा सही शब्द रहेगा.
आपको बता दें कि अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक कुलपति को कुलगुरु कहने की शुरुआत इसी साल यानी 2025 से ही लागू हो सकता है. इसे डिग्री सर्टिफिकेट और अन्य डॉक्यूमेंट्स में शामिय भी किया जाएगा. यानी आगे वाइसचांसलर अब आगे से जिन भी दस्तावेजों पर साइन करेंगी, उनमें कुलपति की जगह अब कुलगुरु लिखा जाएगा.
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