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This Article is From Aug 19, 2022

बिलकिस बानो का समर्थन कर ट्रोल हुए केटीआर, दावा किया कि हैदराबाद बलात्कार मामले में "तेज कार्रवाई" हुई

तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव ने गुजरात के बिलकिस बानो बलात्कार और हत्या मामले में 11 दोषियों की रिहाई की आलोचना की थी. इसके बाद सोशल मीडिया पर उनको बहुत ट्रोल किया गया. फिर पलटवार करते हुए केटीआर ने सख्त कानूनों की जरूरत पर जोर दिया.

बिलकिस बानो का समर्थन कर ट्रोल हुए केटीआर, दावा किया कि हैदराबाद बलात्कार मामले में "तेज कार्रवाई" हुई
बिल्किस बानों मामले पर केटीआर के आक्रामक अंदाज
हैदराबाद:

तेलंगाना के मंत्री केटी रामा राव ('केटीआर') ने आज "मूर्खतापूर्ण ट्रोल्स" पर करारा जवाब दिया. दरअसल सोशल मीडिया पर सक्रिय ट्रोल्स केटीआर पर हैदराबाद में हाल ही में हुए बलात्कार के मामलों में निष्क्रियता का आरोप लगा रहे हैं. ट्रोल्स की यह प्रतिक्रिया तब आई जब केटीआर ने गुजरात के बिलकिस बानो बलात्कार और हत्या मामले में 11 दोषियों की रिहाई की आलोचना की थी.

उन्होंने ट्वीट किया, हैदराबाद मामले के आरोपियों को "तेजी से गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया." उन्होंने कहा, "45 दिनों के बाद, उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी. जुबली हिल्स मामले में किशोर न्याय अधिनियम, आईपीसी और सीआरपीसी में खामियों के कारण बलात्कारी जमानत पर छूट गए हैं."

बिलकिस बानो मामले में अपने रुख पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "इसीलिए मैं मांग कर रहा हूं कि इन कानूनों में संशोधन किया जाए ताकि किसी भी बलात्कारी को जमानत न मिले और दोषी ठहराए जाने पर वह मौत तक जेल में रहे." 

इससे पहले, उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा पाए 11 लोगों की रिहाई की आलोचना की थी. केटीआर ने ट्वीट किया था, "यह हमारे देश की सामूहिक अंतरात्मा पर धब्बा है." विशेष रूप से दोषियों का मिठाई और माला से स्वागत किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था.

उन्होंने लिखा, "आज जो बिलकिस बानो के साथ हुआ वह कल हम में से किसी के साथ भी हो सकता है."

गुजरात सरकार ने कहा है कि दोषियों को एक नीति के तहत रिहा किया गया है. ये दोषी साल 2008 में उनकी सजा के बाद से जेल में.

जहां तक हैदराबाद के जुबली हिल्स में करीब दो महीने पहले एक 17 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार के मामले की बात है, तो छह में से पांच आरोपी 18 साल से कम उम्र के हैं. इश वजह से उन पर अपेक्षाकृत कम सख्त कानून लागू होते हैं. उन्हें पिछले महीने जमानत मिली थी।

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