पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी और उसकी हत्या ने हर किसी को झकझोर कर दिया है. इस घटना ने फिर से महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. अगर अस्पताल जैसी सार्वजिनक जगह भी महिला के लिए सुरक्षित नहीं है तो बाकि जगहों पर क्या ही हाल होगा. वैसे तो इस मामले के आरोपी ने खुद को बचाने के लिए हर जत्न किया लेकिन कहते हैं ना अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो वो कोई ना कोई ऐसा सबूत छोड़ ही देता है. जिससे उसका बचना लगभग नामुमिकन होता है. इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ. अपराधी, अपराध कर जब चैन की नींद सो रहा था, उसी वक्त दूसरी तरफ पुलिस के हाथ ऐसा सुराग लगा. जिससे उसका सलाखों के पीछे जाना तय था.
महिला डॉक्टर के नाखूनों से हुई आरोपी की पहचान
इस मामले का आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस को बड़ी सफलता तब हाथ लगी. जब पीड़िता के नाखूनों में मिली स्किन और ब्लड की जांच की गई. जांच में पाया गया खून और स्कीन आरोपी संजय रॉय के है. महिला ने आरोपी से बचने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी. इसी जद्होजह्द के दौरान आरोपी के हाथों पर गहरी चोट और खरोंचें आ गई. जो कि इस केस में बड़ी लीड साबित हुए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत गला घोंटने और गला दबाने के कारण हुई.
हेडफोन की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस
अपराध स्थल पर पुलिस को एक ब्लूटूथ हेडफोन भी मिला था. इस ब्लूटूथ हेडफोन की वजह से पुलिस आरोपी तक पहुंचने में कामयाब रही. दरअसल ब्लूटूथ हेडफोन आरोपी का था. यह इस मामले में उसके खिलाफ मुख्य सबूत बन गया. इसके अलावा वो सीसीटीवी फुटेज में भी घटना के संभावित समय देखा गया. पुलिस ने घटनास्थल से इस मामले में अन्य सबूत भी जुटाए हैं. लेकिन रेप और हत्या के आरोपी संजय रॉय के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सबूत तब मिला है. जब पता चला कि पीड़िता के नाखूनों में पाया गया खून और स्कीन आरोपी संजय रॉय के है.
चेहरे, आंखों से लेकर गर्दन तक पर चोट के निशान
पीड़िता के चेहरे, आंखों से लेकर गर्दन तक पर चोट के निशान हैं. हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया व्यक्ति पहले अपने घर लौटा और फिर सो गया. इसके बाद अगली सुबह उसने सबूत नष्ट करने के लिए अपने कपड़े भी धोए. हालांकि आरोपी ने सबूत मिटाने की तमाम कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद पुलिस को आरोपी के जूते पर खून के निशान मिले हैं. इस मामले का आरोपी नगर निकाय का वॉलिंटियर बताया जा रहा है. एक अधिकारी ने कहा, "पीड़िता और आरोपी के एक-दूसरे को जानने का कोई सबूत नहीं है", लेकिन उन्होंने कहा कि इस बात की अभी भी जांच की जा रही है. पुलिस ने कहा कि उन्हें पता चला है कि पीड़िता का कुछ महीने पहले किसी से झगड़ा हुआ था, लेकिन वो शख्स आरोपी संजय ही था. इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.
अभी भी किस पहेली को सुलझाने की कोशिश जारी
इस मामले का आरोपी वैसे तो पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है. लेकिन एक सवाल ऐसा भी है जिसका सवाल अभी भी खोजा जा रहा है. दरअसल एसआईटी जुटाए गए सबूतों के आधार पर यह जानना चाहती है कि क्या इस मामले में एक ही आरोपी है या फिर किसी और ने भी आरोपी का साथ दिया. यही सवाल पीड़िता के दोस्तों और परिवार के लिए भी पहेली बना हुआ है. पीड़िता के पिता ने अपने घर पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त से मिलने के बाद मीडिया से कहा, "हमने (अतिरिक्त) पुलिस आयुक्त से पूछा था कि क्या कोई और भी था. हमें बताया गया है कि पुलिस उस पहलू की भी जांच कर रही है." आयुक्त गोयल ने छात्रों से भी अनुरोध किया कि "अगर आपको लगता है कि कोई इसमें शामिल है, तो हमें इससे जुड़ी जानकारी दें", उन्होंने ऐसे सभी दावों की जांच करने का वादा किया. उन्होंने छात्रों से कई अफवाहों से सावधान रहने को भी कहा जो चल रही थीं.
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